पावर सेवेर डिवाइस या कपैसिटर बैंक्स – क्या वे वास्तव में बिजली बचाने में सक्षम होते है?
कई बार हमे ऐसे कई डिवाइस या यंत्र मिलते हैं जो यह दावा करते हैं की वह बिजली बचाने में सक्षम हैं, और बिजली के बिल में उल्लेखनीय बचत कर सकते हैं| उनकी ब्रांडिंग व बिक्री भी इसी आधार पर होती हैं| एक त्वरित प्रश्न हमारे मन में आता ही हैं की क्या यह वास्तव में बिजली बचाने में सक्षम हैं? क्या यह कानूनी रूप से वैध होते हैं? क्या यह मेरे घर या कार्यालय या कारखाने के लिए काम कर सकते हैं? इन सवालों के जवाब बहुत सरल होते हैं| क्या यह बिजली बचाने में सक्षम हैं? हाँ, लेकिन केवल कुछ मामलों में ही| क्या यह कानूनी रूप से वैध होते हैं? बिल्कुल। क्या यह मेरे घर या कार्यालय या कारखाने के लिए काम कर सकते हैं? हाँ, लेकिन फिर से केवल कुछ मामलों में ही|
तो एक पावर सेवर डिवाइस क्या होते है?
जैसे की हमने हमारे पावर फैक्टर पर अपने पिछले पोस्ट में भी चर्चा की हैं, बिजली लोड दो प्रकार के होते हैं – रेसिस्टिव (जैसे रोशनी, पानी हीटर, कएल हीटर, आदि) और इनडुकटिव लोड (जैसे छत पंखे, पंप, एयर कंडीशनर और फ्रिज)| रेसिस्टिव लोड के लिए उपकरण के द्वारा प्रयोग की गई बिजली की मात्र बिजली वितरक कंपनी द्वारा आपूर्तित ऊर्जा (या बिजली) के बराबर ही होती हैं| इनडुकटिव लोड के मामले में कुछ आपूर्तित ऊर्जा उपयोगी नहीं होती है क्यूंकि यह चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने के लिए प्रयोग में आती हैं| और उसी के लिए सूत्र यहाँ उपलब्ध है:
kVAh (बिजली वितरक कंपनी के द्वारा ऊर्जा आपूर्ति) x पीएफ (पावर फैक्टर) = kWh ( उपकरण द्वारा प्रयुक्त ऊर्जा)
एक पावर सेवर डिवाइस पावर फैक्टर को बेहतर बनाती हैं, जिसके कारण kVAh (बिजली वितरक कंपनी के द्वारा ऊर्जा आपूर्ति) प्रति kWh ( उपकरण द्वारा प्रयुक्त ऊर्जा) कम हो जाता हैं| यह बिजली वितरक कंपनी के द्वारा आपूर्तित विद्युत धारा को कम करके ऐसा करने में सक्षम हो पाता है।
कपैसिटर बैंक्स क्या होते हैं?
पावर सेवर उपकरण कपैसिटर बैंक्स ही होते हैं| कपैसिटर बैंक्स इनडुकटिव लोड के विपरीत कपैसिटिव लोड प्रदान करते हैं। जब हम इन्हे इनडुकटिव लोड के समानांतर में लेते हैं तब (छत पंखे, पंप, एसी, आदि की तरह) वे पावर फैक्टर को सुधारते हैं| वह इस प्रकार एक ही उपकरण को चलने के लिए बिजली वितरक कंपनी से कम ऊर्जा की आपूर्ति करते हैं| कपैसिटर लोड जब इनडुकटिव लोड के समानांतर में होते हैं तब वह पूरे सिस्टम को रेसिस्टिव बनाते हैं|
यह उपकरण कहाँ काम आ सकते हैं?
यह उपकरण निम्नलिखित स्थितियों में अच्छा कार्य कर सकते हैं:
१) जब सिस्टम में इनडुकटिव लोड अधिक मात्र में मौजूद हैं (जैसे बहुत सारे पंप, एयर कंडीशनर रेफ्रिजरेटर, और पंखे) और बिजली वितरक कंपनी का बिल kVAh में हो|
२) जब वायरिंग बेहतर न हो और बहुत सारी बिजली दोषित वायरिंग के कारण तारों के माध्यम से गर्मी के रूप में पलायन कर रही हो| पावर सेवेर्स कम करंट के माध्यम से बिजली के नुकसान को कमतर करने में मदद कर सकते हैं।
क्या यह आपके घर में मदद आ सकते हैं?
नियमित आवासीय (यहां तक कि हाउसिंग सोसायटी के लिए) बिलिंग kWh ( उपकरण द्वारा प्रयुक्त ऊर्जा) के माध्यम से ही होती हैं और इस प्रकार पावर फैक्टर सुधार का कोई स्पष्ट लाभ नहीं है| जब तक आपके घर में वायरिंग की हालत अत्याधिक ख़राब न हो, तब तक आप पावर सेवर डिवाइस का उपयोग करके ज्यादा बिजली बचत नहीं कर पाएंगे| पावर सेवर यक़ीनन ख़राब वायरिंग की स्थिति में बिजली बचत तो करते हैं, परन्तु फिर भी इनके निवेश का औचित्य साबित करने के लिए काफी नहीं होती|
क्या यह आपके कार्यालय या कारखाने में काम आ सकते हैं?
कुछ वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में बिलिंग के मुख्यतः दो तरीके होते है:
१) अनुबंधित लोड kVA (या मांग आधारित बिलिंग से) हो
२) बिलिंग kVAh इकाइयों में होता हो
३) पावर फैक्टर पर कुछ पेनल्टी या रिबेट मिले
अगर बिलिंग kVAh में है, तो पावर सेवर उपकरणों का उपयोग करके kVAh की खपत कम होती है और बिजली बिल पर दिखाई गई इकाइयों की संख्या भी कम हो जाएगी|
अगर बिलिंग (या मांग आधारित बिलिंग) केवीए में है, तो आप पावर सेवर उपकरणों द्वारा अपनी अधिकतम मांग को कम कर सकते हैं और इस प्रकार निर्धारित लागत पर बचत प्राप्त कर सकते हैं।
अगर पावर फैक्टर पेनल्टीज़ हैं, तो आप अपने पावर फैक्टर के कारक में सुधार के द्वारा बिजली खपत कम कर सकते हैं और इस प्रकार कुछ रिबेट भी प्राप्त कर सकते हैं|
अगर ऊपर प्रस्तुत तीन परिस्थितियो के मामले में, कोई भी परिस्थिति आप पर लागू नहीं होती हैं, तो फिर आप एक पावर सेवर डिवाइस का उपयोग करके ज्यादा बिजली बचत नहीं कर सकेंगे|