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कुक टॉप तुलना: गैस, बिजली और इंडक्शन

By on August 27, 2015

हाल ही में हमे एक बिजली बचाओ के पाठक के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल मिला, की गैस चूल्हा या इंडक्शन कूकर में बेहतर कुक टॉप कौन सा हैं और स्वतः ही हमें यह एहसास हुआ कि हमने इसके बारे में कभी सोचा ही नहीं था! कुकिंग एक घर में पूरी ऊर्जा आवश्यकता का एक छोटा सा हिस्सा मात्र होता है। विशेष रूप से सबसे मध्यम और उच्च वर्ग शहरी घरों में| हालांकि, कुछ आम लोग इस पक्ष की अक्सर उपेक्षा की करते हैं| एलपीजी/पीएनजी की बढ़ती लागत, हमेशा दैनिक जीवन में एक हंगामे का विषय बनती हैं, लेकिन शायद ही हम इसे ऊर्जा के अन्य स्रोत बिजली साथ तुलना करते हैं| हालांकि, इंडक्शन कूकर कुक टॉप ने अपनी लोकप्रियता में आएं निरंतर वृद्धि के साथ, हमे दूसरे कुक टॉप के समक्ष इनका तुलनात्मक अध्ययन के प्रति प्रेरित किया हैं| वास्तव, में हमे एक दूसरे के ऊपर किसी भी प्रकार के स्पष्ट लाभ नहीं प्राप्त हुए, हमने इस आलेख के माध्यम से मात्र तथ्यों को ही यहाँ प्रस्तुत किया हैं|

बाजार में उपलब्ध कुक टॉप्स के विभिन्न प्रकार

बाजार में कुक टॉप्स मूलतः तीन प्रकार के उपलब्ध होते हैं – गैस, बिजली और इंडक्शन| आईये इनके बारें में और अधिक जानकारी एकत्रित करते हैं, जिससे हम यह जान सके की इनमे मुख्यतः अंतर क्या होते हैं:

1) गैस: इस प्रकार के कुक टॉप में शीर्ष पर एक बर्नर होता है, जो लौ जलाने के लिए गैस (एलपीजी या पीएनजी) का उपयोग करता है और इसके द्वारा ही खाना पकाया जाता है|

2) इलेक्ट्रिक: इस प्रकार के कुक टॉप में एक कएल होता हैं, जो बिजली के गुजरने के कारण गर्म होता है और अपने नाम के अनुसार यह बिजली का प्रयोग कर गर्मी पैदा और खाना पकता हैं।

3) इंडक्शन: इस प्रकार के कुक टॉप बिजली का उपयोग तो करते ही हैं, साथ में भोजन पकाने के लिए यह स्टील के चुंबकीय शक्ति का भी उपयोग करते हैं| अन्य खाना पकाने के तरीके के विपरीत यह आग की लपटों या लाल गर्म तत्व का प्रयोग नहीं करते हैं, इस प्रकार यह अधिक ऊर्जा कुशल माने जातें हैं, यह मात्र सीधे बर्तन को ही गर्म करते हैं, इस प्रकार यह चोट की संभावना को भी कम कर देते है|

विभिन्न कुक टॉप्स की क्षमता

अमेरिका के ऊर्जा विभाग द्वारा कुछ ‘उबलते पानी’ परीक्षण किया गया हैं, और उन्होंने विभिन्न कुक टॉप्स की दक्षता की जांच की हैं (स्रोत: US DOE) और नीचे उसी का तुलनात्मक अध्ययन/ परिणाम प्रस्तुत हैं|

गैस बिजली इंडक्शन
क्षमता 40% 74% 84%

उपरोक्त दक्षता तीनो प्रकार के पैन के गर्मी हस्तांतरण क्षमता पर आधारित है। कृपया ध्यान दें कि दक्षता पैन एवं लौ/हीटिंग सतह के आकार पर निर्भर करता है| ऊपर, प्रस्तुत संख्या आदर्श सेटअप के आधार पर प्रस्तुत हैं।

सूत्रों के अनुसार लागत

हालांकि, ऊपर प्रस्तुत संख्या के आधार पर हमे यह ज्ञात कर पाना हमेशा संभव नहीं होता की कौन सा स्रोत आर्थिक रूप से/लागत के आधार पर बेहतर हैं| इसलिए हमने निर्णय किया की हम ‘सेब की तुलना सेब से ही करें’| कुक टॉप अमूमन तीन प्रकार के होते हैं – रसोई गैस सिलेंडर, पाइप्ड प्राकृतिक गैस और बिजली| अब इन तीनो की हम तुलना करते हैं:
अब हम उदाहरण लेते हैं की 25 डिग्री पर 10 लीटर पानी को गर्म करना चाहते हैं| तो उसी के लिए आवश्यक ऊर्जा इस प्रकार होती हैं:

10,000 x 4.2 x 75 = 3,150,000 जूल्स|

अब हम इस प्रकार विभिन्न स्रोतों की तुलना करते है:

रसोई गैस स्टोव पीएनजी स्टोव इंडक्शन कुकटॉप इलेक्ट्रिककएल कुकटॉप
यूनिट परिभाषा एक सिलेंडर (14.2 किलोग्राम एलपीजी) 1 एससीएम 1 कि.वाट 1 कि.वाट
ऊर्जा ( जूल में ) प्रति यूनिट 654,620,000 41,868,000 3,600,000 3,600,000
इकाई फैक्टरिंग दक्षता प्रति ऊर्जा( जूल में ) 261,848,000 16,747,200 3,024,000 2,664,000
इकाइयों पानी के 10 लीटर गर्म करने के लिए आवश्यक है। 0.012 0.188 1.042 1.182
प्रति इकाई लागत (रूपये में ) रुपये 423 (सब्सिडी),900 रुपये (अन-सब्सिडी) रु. 23 रु. 5 रु.5
(रुपए में ) हीटिंग 10 लीटर पानी की लागत रुपये 5.09 (सब्सिडी),रुपये 10.8 (अन-सब्सिडी) रु. 4.33 रु. 5.21 रु. 5.91

उपरोक्त तालिका यह दर्शाती हैं की हालांकि एक इंडक्शन कुक टॉप की दक्षता, एक गैस कुक स्टोव की तुलना में दोगुनी होती है, परन्तु उसको उपयोग करने की लागत आनुपातिक नहीं हो सकती| हालांकि, अंतिम मूल्यो के आधार पर हम यह जरूर कह सकते हैं – रसोई गैस, पीएनजी या बिजली की कीमत भिन्न होती हैं|

उपरोक्त डेटा के लिए मान्यताओं और जानकारी:
1) रसोई गैस की प्रति यूनिट जूल इकाई विकिपीडिया स्रोत से ली गई है: लिंक

2) पीएनजी की प्रति यूनिट जूल इकाई विकिपीडिया स्रोत से ली गई है: लिंक
3) बिजली की प्रति यूनिट जूल इकाई विकिपीडिया स्रोत से ली गई है: लिंक

4) रसोई गैस सिलेंडर की दर मुंबई में उपलब्ध एक रियायती रसोई गैस सिलेंडर की दर के समान मानी गई है। हालांकि, यह दर अलग-अलग शहरों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं।

5) पीएनजी की प्रति यूनिट दर मुंबई में पीएनजी यूनिट की औसत दर के हिसाब से ली गई हैं। कृपया ध्यान दें कि पीएनजी टैरिफ स्लैब आधारित होते है। जिनकी खपत अधिक होती है, दर भी उसी अनुपात में अधिक हो जाती हैं।

6) बिजली की प्रति यूनिट दर देशभर में लगभग औसत आखिरी स्लैब दर पर आधारित होती है। आप हमारे कैलकुलेटर ऑनलाइन बिजली बिल कैलक्यूलेटर – भारत में सभी राज्यों के लिए का उपयोग कर प्रति यूनिट अपनी औसत दर की जाँच कर सकते हैं

7) उपयोग के आधार पर उनकी क्षमता में थोड़ी भिन्नता हो सकती हैं।

कुक टॉप्स के पक्ष-विपक्ष

गैस स्टोव के लिए:

पक्षबिंदु

  • गैस स्टोव खाना पकाने के लिए बेहतर नियंत्रण प्रदान करते हैं। एक बार खाना पकाने के लिए बर्तन रख देने के उपरान्त, बर्तन की स्थिति और आकार के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, यह दक्षता को प्रभावित कर सकता है।
  • खाना पकाने के लिए आपको बिजली कटौती पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • चपाती जैसे ज्यादातर भारतीय खाना पकाने के लिए अच्छे माने जाते है|
  • विभिन्न प्रकार के बर्तन के लिए कोई विशिष्ट प्रकार की आवश्यकता नहीं होती है।

विपक्षबिंदु

  • यह एक प्रकार से ज्वलनशील होने के साथ-साथ खतरनाक भी माने जाते है।
  • यह आस-पास के वातावरण को गर्म बनाते हैं, इस कारण यह कमरे की ठन्डे करने की आवश्यकता को बढ़ा देते हैं|
  • छत के पंखे का इनके साथ प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
  • लपटे कार्बन-डि-ऑक्साइड गैस का उत्पादन करते हैं|

इलेक्ट्रिक कुक टॉप के लिए:

पक्षबिंदु

  • यह ज्वलनशील नहीं होते है, अतः यह सुरक्षित वातावरण का निर्माण करते है।
  • यह गैस स्टोव की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल और किफायती होते हैं (अगर गैस स्टोव रियायती दरों पर उपलब्ध नहीं है)
  • एक गैस स्टोव की तुलना में चपाती बनाने में तो उपयोगी नहीं होते हैं लेकिन फिर भी इनका प्रयोग भारतीय व्यंजन बनानेc में किया जाता है।
  • आसपास के वातावरण में कम गर्मी की विज्ञप्ति करते हैं, हालांकि, छत के पंखे का इनके साथ प्रयोग किया जा सकता है|

विपक्षबिंदु

  • छूने पर यह त्वचा को जला सकते हैं|
  • गर्म होने में यह समय लगाते है।
  • केवल सपाट सतह के बर्तन के साथ ही इनका उपयोग किया जा सकता हैं।
  • अपर्याप्त बिजली आपूर्ति खाना पकाने की प्रकिया में व्यवधान डाल सकती है|

इंडक्शन कुक टॉप के लिए:

पक्षबिंदु

  • इंडक्शन कुक टॉप गर्मी को तेजी से उत्पादित करते हैं और समान रूप से गर्मी वितरित भी करती हैं।
  • वे पूरी तरह से सुरक्षित माने जाते हैं और स्टील या लोहे तत्व के संपर्क में आने के उपरांत ही गर्म होते हैं।
  • उनको साफ करने की प्रक्रिया काफी आसान होती हैं।
  • ऊर्जा के उपयोग के मामले में कुशल माने जाते हैं।
  • वे तापमान नियंत्रण के अनुसार प्रोग्राम्ड आते हैं|
  • वे गर्मी बर्बाद बिलकुल नहीं करते हैं क्यूंकि जैसे ही वह बंद होते हैं वह स्वतः ही ठन्डे/सामान्य तापमान स्तर तक पहुँच जाते हैं|

विपक्षबिंदु

  • यह केवल स्टील या लोहे के बर्तन के साथ ही उपयोग किये जा सकते हैं। इस प्रकार रसोई को अपने बर्तनो के अनुसार समायोजित किया जाता है।
  • वे आम तौर पर नियमित कुक टॉप से महंगे होते हैं।
  • इनका इस्तेमाल मात्र सपाट सतह के बर्तन के साथ ही किया जा सकता है।
  • अपर्याप्त बिजली आपूर्ति खाना पकाने की प्रकिया में व्यवधान डाल सकते है|
  • चपाती जैसे ज्यादातर भारतीय व्यंजन पकाने के लिए, यह अच्छे नहीं माने जाते है|
  • कुछ लोग के लिए हीटिंग स्थानीय होती हैं और ज्यादातर बर्तन के केंद्र में होता है। यह सही आकार के बर्तन के चयन को महत्वपूर्ण बनाता हैं|

ऊर्जा के प्राथमिक और माध्यमिक स्रोत:

एक तरफ ध्यान दें की गैस पर्यावरण से उपलब्ध प्राथमिक ऊर्जा स्रोत होती है, अथार्त इसका उपयोग सीधे तौर पर किया जा सकता हैं| जबकि, विद्युत ऊर्जा का एक माध्यमिक स्रोत होता है अथार्त कोयला या गैस का उपयोग करके ही हम बिजली उत्पन्न कर सकते हैं| बिजली के साथ ऊर्जा का ह्रास ‘ट्रांसमिशन लोस्सेस’ और ‘जनरेशन लोस्सेस’ के माध्यम से होता हैं| तो, जब तक बिजली आपके घर तक पहुँचती हैं, ऊर्जा का काफी ह्रास हो चुका होता हैं और अगर हम दक्षता के साथ-साथ इन लोस्सेस को शामिल करें तो पाएंगे दोनों स्रोत निष्पादन की दृष्टि से लगभग समान ही हैं| आप निजी पसंद या आर्थिक मूल्य के नज़रिये से इनमें से किसी एक का चयन कर सकते हैं|

सन्दर्भ

http://www.aceee.org/consumer/cooking

http://www.nytimes.com/2008/01/02/dining/02curi.html?_r=0

http://www1.eere.energy.gov/buildings/appliance_standards/residential/pdfs/cookgtsd.pdf

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