भारत में रूम हीटर: एयर कंडीशनिंग की भाति महंगी होती हीटिंग
उत्तर भारत में ज्यादातर जगह आमतौर पर, लोग गर्मियों और सर्दियों के दौरान चरम मौसम का ही अनुभव करते हैं| ग्रीष्मकाल का मौसम बेहद गर्म होता हैं और सर्दियों का मौसम अत्यधिक ठंडा होता हैं। इस प्रकार यह महत्वपूर्ण होता हैं की लोग दोनों मौसम का ध्यान रखते हुए, गर्मी में एयर कंडीशनर के साथ ही सर्दियों में हीटर का उपयोग करें| यह एक सामान्य सी जानकारी हैं की एयर कंडीशनर बिजली का अत्यधिक उपभोग करते है और इस कारण वह बिजली के बिल में वृद्धि का जरिया बनते हैं| लेकिन, उत्तर भारत में सर्दियों में हीटिंग के कारण आने वाला बिजली का बिल, गर्मियों के मौसम में एयर कंडीशनर के उपयोग के बराबर या वास्तव में अधिक भी हो सकता है|
नई दिल्ली के लिए हाल ही में हमारी एक यात्रा ने हमें ऐसे ही चरम मौसम में हीटर द्वारा होती बिजली की खपत को मापने का एक अवसर प्रदान किया, जिस कारण बाद में हमे इस लेख को लिखने की प्रेरणा मिली|
रूम हीटर और उनकी वाट क्षमता
कमरे के हीटर के विश्लेषण से हमे यह पता चलता है की कमरे के हीटर की वाट क्षमता 400 से 2000 वाट से भिन्न रहती है। अगर वाट क्षमता कम है, तो यह गर्मी का भी उत्सर्जन कम करेगा, इसी प्रकार अगर वाट क्षमता अधिक है, तो गर्मी का उत्सर्जन भी अधिक ही होगा| यहाँ यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि अगर एक 400 वाट का हीटर 1 घंटे के लिए चलता है, तो यह 0.4 बिजली इकाइयों की खपत करता हैं, उसी प्रकार एक 2000 वाट का हीटर उतने ही समय में लगभग दो बिजली इकाइयों की खपत करेगा| तो अधिक गर्मी, अधिक वाट क्षमता का तात्पर्य यह हैं की बिजली इकाइयों का सेवन भी और अधिक होगा|
वाट क्षमता का प्रभाव
थर्मल कंडक्शन के माध्यम से गर्मी कमरे में द्रवित/स्थान-परिवतित होती रहती हैं, यह बहुत हद तक कमरे में तापमान ग्रेडिएंट पर निर्भर भी करती हैं| अगर हम एक 400 वाट का हीटर का उपयोग कर रहे हैं, तो उससे चारो दिशाओ में गर्मी का प्रसार होगा और जो हीटर के करीब होगा, उसे अधिक गर्मी महसूस होगी| यह एक छोटे कमरे के लिए भी अच्छा होता हैं| एक बड़े कमरे को कायदे से गर्म करने के लिए एक 2 किलोवाट प्रणाली अधिक प्रभावी सिद्ध होती हैं|
थर्मोस्टेट के साथ एक कमरे में हीटर का लाभ
जैसा कि हमने अपने पिछले एक लेख – आदर्श वातानुकूलन तापमान में चर्चा भी की है| इंसानों के लिए आदर्श एवं आरामदायक थर्मल तापमान २५ डिग्री सेंटीग्रेट होता है| परन्तु अगर हम एक हीटर को लंबी अवधि के लिए छोड़ देते हैं, तो उत्पादित तापमान में निश्चित रूप से वृद्धि हो सकती है और वह 25 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक हो जायेगा| यह न केवल संपूर्ण वातावरण को असहज बनाता है, बल्कि यह बिजली की अधिक खपत भी करता हैं| तापमान की अपेक्षित स्थापना के लिए थर्मोस्टेट के साथ एक कमरे में हीटर का होना अनिवार्य होता हैं, थर्मोस्टेट भी वांछित तापमान तक पहुँच जाने के उपरांत बिजली की खपत को बंद कर देता हैं|
हमने थर्मोस्टेट के बिना एक कमरे में हीटर के तापमान को 8 घंटो तक मापा है, यह लगभग 10 बिजली इकाइयों का सेवन कर रहा था, 1.3 किलोवाट (या 1300 वाट)| इस प्रकार 5 रूपिये की दर से सेवन लगभग प्रतिदिन 50 रूपिये या प्रतिमाह 1500 रूपिये होगा| आप हमारे कैलकुलेटर का उपयोग करके प्रति यूनिट बिजली दर की जाँच कर सकते हैं – ऑनलाइन बिजली बिल कैलक्यूलेटर – भारत में सभी राज्यों के लिए)। हालांकि, अगर हमने एक कमरे में थर्मोस्टेट के साथ हीटर का इस्तेमाल किया होता, तब बिजली की कुल खपत निश्चित रूप से कम होती|
एक कमरे में पंखे के साथ रूम हीटर
पंखे के माध्यम से एयरफ्लो और गर्मी के प्रवाह में वृद्धि होती हैं, इस प्रकार एक पंखा गर्मी को व्यापक बड़े स्थान तक पहुंचने में मदद करेगा| अगर रूम हीटर में थर्मोस्टेट नहीं है, और मात्र पंखा ही लगा हैं, तो कम तापमान पर रूम हीटर को रखना बेहतर होता है। पंखा यह सुनिश्चित करेगा की कमरे में गर्म हवा चारो और पहुंचे और कम तापमान यह सुनिश्चित करेगा की बिजली की खपत कम हो|
एक कमरे में चर वाट क्षमता नॉब वाला रूम हीटर
कई रूम हीटर में चर वाट क्षमता वाला नॉब होता हैं, जिससे वह वाट क्षमता को समायोजित करते हैं| जैसा की हमने पहले भी चर्चा की हैं, जितना उच्चतर वाट क्षमता होगी, हीटर भी उतना अधिक गर्मी प्रदान करेगा| उसकी पहुंच/दायरा भी अधिक होगा| तो अगर नॉब अधिक नंबर पर सेट हैं, तो कमरा भी तेजी से गर्मी हो जाएगा| लेकिन इस प्रकार बिजली की खपत भी अधिक हो जाएगी| तो बिजली बचाने के लिए जितना संभव हो रूम हीटर को कम से कम सेटिंग्स पर ही रखे| यदि लोग अपने करीब रख कर रूम हीटर का उपयोग करते हैं, तो वाट क्षमता के लिए बेहतर होता हैं, हालांकि यह जरूर ध्यान रखे की दूरी सुरक्षित हो, जिससे किसी भी प्रकार की कोई हानि, वगैरह न हो|
हमेशा बेहतर होता है की आप थर्मोस्टेट के साथ वाला हीटर ही ख़रीदे, क्यूंकि यह कमरे के तापमान को नियंत्रण में रखता है और बिजली की अतिरिक्त खपत भी कम कर देता है| यह भी सुनिश्चित करता हैं, की वातावरण मनुष्य के सोने के लिए आरामदायक हो| इसके अलावा यह कक्ष में सही इन्सुलेशन बनाये रखता है, जिस कारण बिजली का बिल भी नियंत्रित स्तर पर रहता हैं|
सन्दर्भ
http://www.consumeradvice.in/Download/Room-Heater.pdf