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भारत में टीवी – शीर्ष ब्रांड, मॉडल, प्रौद्योगिकी रुझान, कीमतों और बिजली की खपत

By on April 29, 2015

जब भी हम किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर जाते हैं, तब अनायास ही प्रवेश करते समय   हमारी दृष्टि चमचमाती हुई टीवी पर पड़ती हैं और अगर उस पर एक क्रिकेट मैच चल रहा हो तो यह एक अतिरिक्त आकर्षण होता है| ऐसे दृश्य हमेशा हमें आकर्षित करते है| इसी कारण, टीवी हमेशा लोगों को आकर्षित करने के लिए दुकानों के द्वार पर रखी जाती हैं| जितनी अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी होगी भीड़ भी उतनी अधिक एकत्रित होगी, एक अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी वाला विशेष मॉडल अपने चारों ओर अधिक भीड़ एकत्रित करता हैं|

टेलीविजन व बिजली की खपत पर हमारे अनुसंधान के दौरान, जब हमने अपने कुछ दोस्तों से पूछा की वे एक टीवी खरीदते समय किस ख़ास कारक का विशेष रूप से पता लगाना चाहते हैं, तब ज्यादातर लोगों की प्रतिक्रिया थी: आकार, प्रौद्योगिकी और कीमत| ऐसा उत्तर सुनकर पर हमे कोई भी आश्चर्य नहीं हुआ| बिजली की खपत एक टेलीविजन खरीदते समय बमुश्किल एक कारक बन पाता हैं|

हम इस लेख के माध्यम से भारत में टीवी की बिजली की खपत पर हमारे  अनुसंधान से एकत्रित हुई कुछ जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं| हम आशा करते हैं कि यह भारत में टीवी खरीदते समय बिजली की खपत को एक प्रमुख कारक बनाने में कुछ  मदद प्रदान करेगा|

कृपया ध्यान दें: भारत में टीवी की बिजली की खपत को अंकित करना BEE (या ऊर्जा क्षमता ब्यूरो) द्वारा एक अनिवार्य आवश्यकता नहीं है, इसलिए हम भारत में उपलब्ध सभी ब्रांडों और मॉडलों के लिए यह डेटा प्राप्त नहीं कर सके|

नीचे विश्लेषण भारत में शीर्ष टेलीविजन ब्रांडों की वेबसाइट से एकत्र आंकड़ों पर आधारित हैं| क्यूंकि टेलीविजन को खरीदते समय आकर और तकनीक प्रमुख कारक होते हैं, हमने उनके अनुसार टीवी खरीद कारको को वर्गीकृत करने की कोशिश की हैं|

छोटे आकार के टीवी (आकार कम से कम 22 इंच):

अगर आपकी आवश्यकता कम से कम २२ इंच स्क्रीन आकार टीवी की है, तो बाजार में उपलब्ध २ ही स्क्रीन प्रकार हैं: CRT (या कैथोड रे ट्यूब), जो की पुराने पारंपरिक टीवी प्रकार या एलईडी टीवी (नवीनतम और कुशल प्रौद्योगिकी आधारित)| CRT आधी कीमत के होते हैं (15,000 – 18,000 रुपये के बीच), जबकि एक एलईडी टीवी का मूल्य (7,000 -14,000 रुपये के बीच होता हैं)| हालांकि CRT एलईडी टीवी के मुकाबले ३ गुना अधिक बिजली उपभोग करती हैं|  एक 22 इंच एलईडी टीवी 33 वाट तक बिजली की खपत करता हैं, जबकि एक 21 इंच CRT 100 वाट बिजली का उपभोग करता हैं| अगर हम 100 वाट टीवी का एक दिन में 10 घंटे के लिए इस्तेमाल करें तो इससे 1 यूनिट की बिजली की खपत होगी|

एलईडी टीवी अपने साथ अतिरिक्त सुविधाये लेकर आता हैं जैसे की “हाई डेफिनिशन” दर्शन, आदि| आप अगर हाई डेफिनिशन टीवी को देखने के लिए इच्छुक हैं तो आपके पास एलईडी टीवी एकमात्र उपलब्ध विकल्प हैं|  सैमसंग, ओनिडा  और फिलिप्स इस आकार के एलईडी टीवी बनाने वाले कुछ उपलब्ध ब्रांड हैं| इस आकार में थ्री डी टीवी उपलब्ध नहीं हैं| आकाई, शार्प, सन्सुई, ओनिडा, एलजी, फिलिप्स और विदेओकोंन CRT टीवी बनाने वाले कुछ ब्रांड हैं| सोनी और सैमसंग CRT टीवी नहीं बनाते हैं|

मध्य आकार टीवी (जिनका आकार 22 इंच से 40 इंच के बीच होता हैं):

अगर आपकी आवश्यकता 22 इंच से 40 इंच टीवी आकार के बीच की हैं, तो फिर आपके पास केवल 2  स्क्रीन प्रकार के उपलब्ध विकल्प हैं| एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) और एलईडी (लाइट  एमिटिंग डायोड)| दोनों ही टीवी देखने में समान दिखते हैं (दोनों स्लिम फ्लैट स्क्रीन के होते हैं), पर उनकी प्रौद्योगिकी अलग-अलग होती हैं| एलईडी, एलसीडी की तुलना में शीर्ण (थींन) होते हैं और वह 30% अधिक ऊर्जा कुशल भी होते हैं| एक पारंपरिक 32 इंच एलसीडी टीवी 95-100 वाट्स तक बिजली की खपत करता हैं, जबकि एक उसी आकर का एलईडी टीवी 55 वाट्स तक बिजली की खपत करता हैं (अगर हम उनके केवल एचडी रेडी मॉडल्स की तुलना करें)| एचडी की तुलना में अगर हम थ्री डी मॉडल्स की तुलना करें तो बिजली की खपत बढ़ जाती है| अधिकांश एलसीडी टीवी एचडी रेडी मॉडल्स होते हैं, जबकि एलईडी पूर्ण एचडी मॉडल्स होते हैं| लेकिन बिजली की खपत के मामले में एक ही आकार एलईडी पूर्ण एचडी मॉडल, एलसीडी एचडी रेडी मॉडल की तुलना में कम बिजली की खपत करता है| क्यूंकि यह सबसे लोकप्रिय टीवी आकार समूह माना जाता हैं, इसलिए लगभग सभी ब्रांडों के इस आकार समूह में टीवी मॉडल्स हैं|

बड़े आकार टीवी (40 इंच आकार से अधिक):

इस आकार समूह में भी केवल 2 स्क्रीन प्रकार के उपलब्ध विकल्प हैं,  प्लाज्मा और एलईडी| दोनों टीवी देखने में समान ही दिखते हैं, पर एलईडी,  प्लाज्मा की तुलना में शीर्ण (थींन) होते हैं|  प्लाज्मा,  एलईडी की तुलना में 30 -40% अधिक बिजली की खपत भी करते हैं और इस आकार समूह के लिए, कुछ बड़े प्लाज्मा टीवी की खपत 600 वाट्स से ज्यादा होती हैं|  इस समूह में, जहाँ समान एलईडी टीवी 70-80 वाट की बिजली खपत करते हैं, वहीँ उसी आकर के प्लाज्मा टीवी की बिजली खपत 140 वाट तक होती हैं|

अगर हम कीमतों की तुलना करते हैं, तो फिर एलईडी प्लाज्मा की तुलना में अधिक महंगे हैं| इस आकार समूह में सभी नवीनतम प्रौद्योगिकिया मौजूद हैं जैसे की थ्री डी टीवी, गिलास लेस्स थ्री डी, एक्सट्रा हाई डेफिनिशन, एचडी, आदि|  इन आकार के टीवी बनाने वाले ब्रांड्स हैं: सोनी , सैमसंग, एलजी, पैनासोनिक, शार्प और फिलिप्स| इस समूह में जो ब्रांड्स मौजूद नहीं हैं या उनके बहुत कम मॉडल्स है, वह हैं आकाई, ओनिडा और वीडिओकोंन|

ऊर्जा दक्षता के मामले में शीर्ष ब्रांड्स:

अगर हम सभी समूहों में ऊर्जा दक्षता की तुलना करें, तो सैमसंग सबसे अधिक ऊर्जा कुशल मॉडल्स बनाने के मामले में एक स्पष्ट लीडर हैं| तोशिबा और ओनिडा भी पूर्ण एचडी श्रेणी में कुछ अच्छे मॉडल्स बनाते है|

प्रौद्योगिकी के मामले में शीर्ष ब्रांड्स:

सोनी, सैमसंग और एलजी नवीनतम तकनीक की टीवी बनाने के मामले में स्पष्ट लीडर हैं| वे ज्यादातर बड़े आकार और नवीनतम तकनीक से परिपूर्ण  मॉडल्स बनाते हैं और पूरी तरह से CRT टीवी के बिज़नेस को छोड़ चुके हैं|

देश में उपलब्ध नवीनतम तकनीक:

१) स्क्रीन रेसोलुशन: देश में 4 प्रकार के स्क्रीन रेसोलुशन मौजूद हैं: १) स्टैण्डर्ड डेफिनिशन २) एचडी रेडी ३) फुल एचडी ४) एक्स्ट्रा हाई डेफिनिशन

यह टीवी की कुल पिक्सल की संख्या या स्पष्टता का प्रतिनिधित्व करते हैं| स्पष्टता बढ़ाने (अ से डी तक) के बढ़ते क्रम का अनुपालन करते हुए, वह स्क्रीन पर स्पष्टत तस्वीर दिखा सकते हैं|

हालांकि, पुराने टीवी ज्यादातर स्टैण्डर्ड डेफिनिशन तकनीक पर आधारित होते थे, जबकि नए टीवी ज्यादा रेसोलुशन्स के साथ बाजार में आ रहे हैं|  और आजकल डिजिटल प्रसारण के जमाने में कई सारे नए एचडी टीवी भी बाजार में आ गए हैं|

कृपया ध्यान दें कि, एचडी टीवी चैनल केवल एचडी टीवी सेट्स पर ही देखे जा सकते हैं|  अधिकांश लोगों को पूर्ण एचडी टीवी और एचडी रेडी टीवी के बारें में पता हैं| इन दिनों एक्स्ट्रा हाई डेफिनिशन टीवी भी उपलब्ध हैं जो 4 गुना अधिक स्पष्टता के साथ टीवी पर तस्वीरें उपलब्ध कराते हैं| हालांकि, जैसे ही रेसोलुशन बढ़ते हैं, बिजली की खपत भी बढ़ जाती है| अतिरिक्त स्पष्टता के साथ दिखाने के लिए अधिक प्रकाश/ऊर्जा की जरूरत होती है|

२) डीडीबी (डायरेक्ट  डिजिटल  ब्रॉडकास्ट): इस श्रेणी में वीडियोकॉन और फिलिप्स कुछ टीवी का निर्माण करते हैं, जिनके पास डीडीबी या प्रत्यक्ष डिजिटल प्रसारण कार्यक्षमता होती है| इसके साथ ही उपग्रह से कनेक्ट करने के लिए एक अतिरिक्त सेट टॉप बॉक्स की भी कोई जरूरत नहीं पड़ती हैं| लेकिन यह मॉडल अतिरिक्त (लगभग 20-30 वाट) की बिजली की खपत का इज़ाफ़ा जरूर करता हैं| इसके अलावा स्टैंडबाई के रूप में अतिरिक्त बिजली की खपत भी होती हैं| अगर आप प्लग प्वाइंट से टीवी बंद नहीं करते तो लगभग 20 वाट की अतिरिक्त बिजली की खपत भी जरूर हो जाएगी|

३) थ्री डी: इस नवीनतम टीवी टेक्नोलॉजी की आजकल काफी चर्चा है| बाजार में, थ्री डी मॉडल्स टीवी की संख्या भी आजकल बढ़ती जा रही है| सोनी, सैमसंग और एलजी इस तकनीक के साथ मॉडल की एक अच्छी संख्या उत्पन्न कर रहें हैं| हालांकि दूसरे टीवी निर्माता अपेक्षाकृत कम संख्या में मॉडल बना रहे हैं| थ्री डी मॉडल्स टीवी बिजली की मौजूदा खपत में अतिरिक्त 5 से 10% का इज़ाफ़ा करते हैं|

कीमतों, बिजली की खपत और भारत में विभिन्न मॉडलों के टीवी सेट के विवरण की जाँच करने के लिए नीचे स्प्रेडशीट देखे:

नीचे मॉडल ऊर्जा दक्षता के घटते क्रम में व्यवस्थित हैं| कृपया ध्यान दें कि, एक टेलीविजन की बिजली की खपत चमक और ध्वनि की मात्रा पर भी निर्भर होती हैं| अधिक टीवी की चमक और ध्वनि की मात्रा अधिक बिजली की खपत में परिणत होती हैं|

दिया गया डेटा आप इस लिंक पर भी देख सकते हैं: http://bit.ly/12qCWZoInfographic13

सूचना के स्रोत: भारत में टीवी के विभिन्न निर्माताओं की वेबसाइट

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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