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सर्ज रक्षक: क्या होते हैं? उनको खरीदते समय किन चीज़ो का विशेष ध्यान रखना चाहिएं?

By on August 27, 2015

बहुत से लोग, अक्सर ऐसी शिकायत करते हैं की वोल्टेज के अचानक बढ़ जानें से उनके  टीवी या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण “जल” गयें हैं| “जल जानें से”, हमारा तात्पर्य यह नहीं हैं की उस उपकरण में आग लग गई हो, हमारा तात्पर्य होता हैं की उपकरण अचानक गैर-कार्यात्मक हो जाता हैं| वोल्टेज में अचानक आएं भारी उतार-चढ़ाव के कारण कई उपकरण गैर-कार्यात्मक हो जातें हैं| ऐसी घटनाएं, बहुत ही आम होती हैं, और समाज एवं परिवार में अक्सर ही सुनने को मिल जाती हैं| इसलिए  वोल्टेज सर्ज, उस घटना को कहते हैं की जब वोल्टेज अचानक  बहुत ही कम समय में काफी तेज़ हो जाता हैं|

वोल्टेज स्पाइक: क्या और कैसे होते हैं?

भारत में बिजली का मानक वितरण चरणबद्ध तरीके से होता हैं| एकल चरण (सिंगल-फेज) में बिजली वितरण 230 वोल्ट में किया जाता है और तीन चरण कनेक्शन के लिए यह 415 वोल्ट होता है। हालांकि दोनों एकल चरण और तीन चरण कनेक्शन में, व्यक्तिगत प्लग प्वाइंट  230 वोल्ट वोल्टेज ही प्रदान करता है|  हालांकि कभी-कभी कनेक्शन में आ रहा वोल्टेज,  बहुत ही कम अवधि के लिए (लगभग कुछ  नैनो सेकण्ड्स के लिए) अचानक काफी ज्यादा हो जाता हैं, इस घटना को तकनीकी भाषा में वोल्टेज स्पाइक कहा जाता है। यह बिजली की मात्रा में भी काफी वृद्धि करता हैं, जिस कारण इसको यह नाम दिया गया हैं|  यह इस तरह हुईं अचानक वृद्धि के कारण उपकरण पर काफी बुरा प्रभाव डालता हैं, और उपकरणों को ख़राब या निष्क्रिय भी कर सकता हैं|  (अधिक जानकारी हेतु कृपया आप हमारे लेख – उपकरणों पर वोल्टेज के उतार चढ़ाव के प्रभाव और उनके द्वारा हुए बिजली की खपत) का संदर्भ लेंकर आप  एक विस्तृत विवरण प्राप्त कर सकते।

एक वोल्टेज स्पाइक के कईं कारण हो सकते हैं| यह शॉर्ट- सर्किट, बिजली उपकरण में  खराबी अथवा आसमानी बिजली के  गिरने से हो सकता हैं, अमूमन प्राकृतिक कारण आपके नियंत्रण से बाहर की घटनाए होती हैं|

वोल्टेज सर्ज से उपकरणों की रक्षा के लिए आप क्या कर सकते हैं?

सौभाग्य से इन उपकरणों को सर्ज रक्षक का उपयोग करके वोल्टेज सर्ज से संरक्षित किया जा सकता है| परन्तु सर्ज रक्षक भी, हमेशा बिजली की वोल्टेज स्पाइक के खिलाफ रक्षा नहीं कर सकते, प्राकृतिक कारण जैसे की बिजली का गिरना उनके नियंत्रण से बाहर की घटनाए होती हैं| हालांकि, वे निश्चित रूप से अन्य उपरोक्त कारणों से उत्पन्न वोल्टेज सर्ज से उपकरणों की रक्षा करने में सक्षम होते है।

सर्ज रक्षक क्या होते हैं और वह कैसे काम करते हैं?

जैसे की नाम से भी स्पष्ट रूप से पता चलता है, सर्ज रक्षक वोल्टेज बढ़ने/वोल्टेज स्पाइक (फलस्वरूप बिजली में वृद्धि) से उपकरणों को संरक्षित करने का कार्य करते हैं| बहुत सारे लोग सर्ज रक्षक का उपयोग डेस्कटॉप, कंप्यूटर, टेलीविजन, आदि को बिजली की आपूर्ति करने में भी करते हैं| जब कनेक्शन में आ रहा वोल्टेज, बहुत ही कम अवधि के लिए अचानक काफी ज्यादा हो जाता हैं या एक निश्चित स्तर से काफी बढ़ जाता हैं, इस अवस्था में सर्ज रक्षक अतिरिक्त ऊर्जा को या तो ‘ब्लॉक’ या फिर स्थानान्तरण कर देता हैं और इस प्रकार यह उपकरण के लिए उचित सुरक्षा सुनिश्चित करता है|

SurgeProtector

सर्ज रक्षक खरीदते समय क्या विशेषताएं देखना चाहिएं?

अपने उपकरणों के लिए एक सर्ज रक्षक का चयन करते समय, आपको इन प्रमुख बातों का संज्ञान अवश्य रखना चाहिए:

    1. जूल रेटिंग — एक सर्ज रक्षक खरीदते समय, सबसे महत्वपूर्ण विशेषता जिसकी जांच आपको अवश्य करनी चाहिए, वह हैं जूल रेटिंग|  यह मूल रूप से ऊर्जा अवशोषण या ऊर्जा का अपव्यय का माप होता हैं| यह जूल (जे) में अंकित होता हैं| यह ऊर्जा की अधिकतम मात्रा होती हैं, जिसे एक सर्ज रक्षक आसानी से अवशोषित कर सकता हैं| इसलिए हम यह कह सकते हैं की उच्च जूल रेटिंग वाला  सर्ज रक्षक आपके उपकरणों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होता है|  जूल रेटिंग अमूमन 200 जूल (एक सामान्य सर्ज रक्षक के लिए) से 1000 जूल  के ऊपर होता हैं| यहाँ तक की, कुछ सर्ज रक्षक के निर्माता  इससे जुड़े उपकरणों पर जीवनकाल वारंटी भी प्रदान करते हैं| जाहिर है, इस तरह के सर्ज रक्षक नियमित सर्ज रक्षक की तुलना में अवश्य महंगे होते हैं|  इसलिए हमे हमेशा ऐसे सर्ज रक्षक को खरीदने का प्रयास करना चाहिए, जिनकी जूल रेटिंग उच्च हो, क्यूंकि यह जुड़े उपकरणों को बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं|
    2. क्लैम्पिंग वोल्टेज (वोल्टेज की अधिकतम सीमा) — क्लैम्पिंग वोल्टेज, वोल्टेज की वह अधिकतम सीमा होती हैं  जिसके आगे सर्ज रक्षक, अपने माध्यम से बह रहीं अतिरिक्त ऊर्जा को अवशोषण कर पाने में समर्थ नहीं होता हैं| दूसरे शब्दों में, यह वह अधिकतम सीमा होती हैं जिसे सर्ज रक्षक अपने माध्यम से प्रवाह करने की अनुमति देता हैं| इसके उपरांत वह ऊर्जा को अवशोषित या अवरुद्ध या खंडित (छितरा) कर देता हैं| उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं, की आपके पास एक उपकरण है जो 200 से 240 वाल्ट के बीच में संचालित होता हैं, तो इस उपकरण के लिए 240 मूल्य का सर्ज रक्षक सबसे उपयुक्त होता है,  क्यूंकि इसका अधिक मूल्यांकन अतिरिक्त ऊर्जा को अवशोषित करेगा और इस प्रकार यह सर्ज रक्षक किसी भी प्रकार के नुकसान से आपके उपकरण की रक्षा करेगा|
    3. प्रतिक्रिया समय — जब वोल्टेज सर्ज शुरू होता हैं, अर्थार्त वोल्टेज एक निश्चित स्तर से काफी बढ़ने लगता हैं, तब ऐसी अवस्था में सर्ज रक्षक  त्वरित (या तुरंत) शुरू नहीं होता हैं|  यह शुरू होने में, कुछ समय लगाता हैं|  इस बीच की समय अवधि को, जिसमे वोल्टेज बढ़ता हैं, और सर्ज रक्षक भी कामकाज शुरू कर रहा होता हैं, इस समय अवधि को ‘प्रतिक्रिया समय’ या ‘रेजिडेंस टाइम’ कहा जाता है| हालांकि, जिस समय अवधि के बारे में हम यहां बात कर रहे हैं, वास्तव में यह कुछ नैनो सेकण्ड्स मात्र का ही होता हैं, परन्तु यह  छोटी सी समय अवधि भी उपकरणों को नुकसान पहुचाने के लिए पर्याप्त होती है। अतः हमे सचेत रहने ही जरुरत रहती हैं| इसलिए कृपया समझे की एक सर्ज रक्षक का जितना कम प्रतिक्रिया समय होता हैं, उतना की कम समय के लिए उपकरण को निश्चित स्तर से बढ़े वोल्टेज पर काम करना पड़ेगा, और उपकरण उतना ही सुरक्षित रहेगा|

 

आजकल बाजार में सर्ज रक्षक के विभिन्न मॉडलों के कई ब्रांड विभिन्न तकनीकी विशिष्टताओं के साथ प्रायः उपलब्ध हैं| इसलिए हम आपको यह सलाह देते हैं की, आप खरीदने से पहले कृपया अपनी आवश्यकताओं के बारें में ठीक से पता लगा लें| वर्तमान में बाजार में  ‘बेल्किन’ और ‘जीएम’ के लोकप्रिय सर्ज रक्षक ब्रांड उपलब्ध  हैं।

निष्कर्ष:

वोल्टेज बढ़ना एक ऐसी घटना है, जिसे रोकने के लिए शायद आप कुछ नहीं कर सकते| इसका कारण यह हैं, की वोल्टेज बढ़ने के कारण (जैसे की बिजली का गिरना या एक शॉर्ट सर्किट) आपके नियंत्रण से बाहर की घटना होती हैं| तो वोल्टेज सर्ज से अपने उपकरणों की रक्षा करने हेतु हमे, उचित समाधान जैसे की एक सर्ज रक्षक को चुनना चाहिए| एक सर्ज रक्षक को खरीदने से पहले, कृपया यह ध्यान जरूर रखें की आपको अपनी सही आवश्यकता के बारें में ठीक से पता हो|

सन्दर्भ:

http://www.ag.ndsu.edu/burkecountyextension/home-and-family/power-strips-or-surge-protectors

http://en.wikipedia.org/wiki/Surge_protector

http://en.wikipedia.org/wiki/Voltage_spike

http://www.cnet.com/news/9-things-you-should-know-about-surge-protectors/

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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