बिजली के बिल में निर्धारित शुल्क पर कनेक्टेड लोड का प्रभाव
बिजली बिल और उसके घटकों को समझना ज्यादातर लोगों के लिए सबसे कठिन कार्य के रूप में माना जाता है, इसीलिए लोग बिना ज्यादा जाने समझे भुगतान कर देते हैं| लोगो की अपने बिजली के बिल को समझने में मदद हो सके, इसलिए हम बिजली विषय पर लेख की एक श्रृंखला प्रस्तुत रहे हैं| हम बिजली खपत मापने के लिए एक कैलकुलेटर भी बना रहे हैं| हमारा उद्देश्य भारत में बिजली के बिल के बारें में लोगो के बीच जागरूकता पैदा करना हैं|
यह इस श्रृंखला में पहला लेख है और इस लेख में हम कनेक्टेड लोड की अवधारणा को समझाने की कोशिश करेंगे और यह कैसे आपके बिजली के बिल (फिक्स्ड चार्जेज) पर प्रभाव डालता हैं| बहुत से लोग इन दिनों काफी तकनीक प्रेमी रहे हैं और ज्यादातर के अपने घरों में इंटरनेट कनेक्शन भी है| हम सभी बैंडविड्थ और डाउनलोड की सीमा की अवधारणा को समझते हैं। बैंडविड्थ वह अधिकतम गति होती हैं जिस पर आपको इंटरनेट कनेक्शन प्राप्त होता हैं| यह आपके घर में कंप्यूटर की संख्या से परे होता हैं| हालांकि अगर आपके घर में एक से अधिक कंप्यूटर है, तो आपको ज्यादा बैंडविड्थ की जरूरत होगी। आपका कनेक्टेड लोड भी बैंडविड्थ के समान ही कार्य करता हैं, कनेक्टेड लोड एक घर के लिए आबंटित होता हैं और यह वाट क्षमता की अधिकतम सीमा होती हैं| यदि आपके घर में अधिक उपकरण है, और वाट क्षमता का कुल योग कनेक्टेड लोड से अधिक है, तो सिस्टम असफल हो सकता हैं| कनेक्टेड लोड को बिजली के बिल पर सैंक्शनएड लोड या सिर्फ भार के रूप में उल्लेख किया जाता हैं|
कनेक्टेड लोड की गणना कैसे की जाती है?
कनेक्टेड लोड की गणना कैसे की जाती है, यह प्रश्न महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जब आपने अपने घर में कनेक्शन लिया था, तब आपने इस विकल्प को अपनी इच्छा से नहीं चुना था| वैसे यह कनेक्शन इलेक्ट्रिक विद्युत कंपनी के इंजीनियरों द्वारा ही तय किया जाता है| जब आप एक कनेक्शन लेने के लिए फार्म भरते हैं, तब आपको अपने घर में उपकरणों की एक सूची का उल्लेख करना होता हैं| इलेक्ट्रिक विद्युत कंपनी भी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवनशैली का पता लगाने के लिए “लोड सर्वे” कराते हैं| फार्म में आप द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचनाओं के आधार पर, घर के लिए कनेक्टेड लोड का फैसला होता हैं| कनेक्टेड लोड भी समय-समय पर उपयोग के आधार पर नियमित होता हैं (हालांकि, इसमें कमी नहीं होती है, लेकिन उपयोग के पैटर्न के आधार अनुरूप इसमें वृद्धि हो सकती हैं)|
बिजली के बिल पर कनेक्टेड लोड का प्रभाव
तो यह आपके बिजली के बिल को कैसे प्रभावित करता है? ज्यादातर राज्यों में बिजली बिल में तय लागत या ‘फिक्स्ड कॉस्ट’ घटक लोड पर ही निर्भर करता है। जैसे लोड बढ़ता हैं, तय लागत भी बढ़ जाती है। इस लेख के अंत में हमने एक तालिका प्रस्तुत की हैं, जो भारत के विभिन्न राज्यों में तय लागत या ‘फिक्स्ड कॉस्ट’ के बारें में जानकारी देता हैं| वह यह भी बताते हैं की कैसे यह घटक बिजली के बिल पर प्रभाव डालते हैं| कुछ राज्यों में लोड न्यूनतम मासिक शुल्क पर प्रभाव डालते हैं| न्यूनतम मासिक शुल्क आपकी ऊर्जा प्रभार राशि का सबसे न्यूनतम परिमाण होता हैं| इसका मतलब यदि आप अपने घर में किसी भी उपकरण को नहीं चला रहे है तो भी आपको न्यूनतम मासिक शुल्क देना पड़ेगा| कुछ राज्यों में लोड भी बिल में प्रति यूनिट बिजली प्रभार के साथ बदलता रहता है। कृपया हमारे टैरिफ लेख की जांच करें, जहाँ हमने विभिन्न राज्यों में शुल्कों को सूचीबद्ध करके, यह जानकारी प्रस्तुत की हैं की कैसे लोड आपको प्रभावित करता हैं|
एक और पहलू जो कनेक्टेड लोड से प्रभावित होता हैं – वह हैं कनेक्शन के चरण| एक एकल चरण कनेक्शन 220 वोल्ट प्रदान करता है, जबकि एक तीन चरण कनेक्शन 440 वोल्ट प्रदान करता है| अगर आपके पास उच्च कनेक्टेड लोड है, तो आपको एक तीन चरण कनेक्शन की जरूरत होती है| तीन चरण कनेक्शन की उच्च निर्धारित लागत और मीटर किराए होता हैं| (जी हाँ, कुछ राज्यों में अपने घर में तीन चरण कनेक्शन स्थापित करने के लिए मीटर पर किराए का भी अतिरिक्त भुगतान करना होता है)।
हमे कैसे बिजली की बचत के उपायों से मदद मिल सकती हैं?
तो कैसे बिजली बचाओ आपके कनेक्टेड लोड या निर्धारित शुल्क को कम करने में मदद करते हैं? ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग कर आप अपने घर की कुल वाट क्षमता को कम कर सकते है, और अपने कनेक्शन के लिए बिजली भार को भी कम कर सकते है। जैसे लोड कम होता है तो आपकी बिजली के बिल के साथ-साथ उपकरण की निर्धारित लागत की वसूली भी हो जाती हैं| अगर कुशल उपकरणों का उपयोग शुरू कर देने के उपरांत भी आपके बिजली के बिल में कोई कमी नहीं दिखती हैं, या आपको ऐसा लगता हैं की आपका कनेक्टेड लोड एक उच्च माप का हैं, तो आप अपने बिजली वितरक कंपनी से जरूर संपर्क करें और उनसे कहे की वह लोड की पुनर्गणना करें और वास्तविक खपत के आधार पर पुनः नए कनेक्टेड लोड (निचले स्तर का या फिर आवश्यक होने पर एकल चरण का लोड) को निर्दिष्ट करें| आप नीचे प्रस्तुत गणना के आधार पर यह निर्णय ले सकते हैं|
कनेक्टेड लोड का अलग-अलग राज्यों में बिजली के बिल पर कितना प्रभाव पड़ता हैं
अपने-अपने राज्यों में कनेक्टेड लोड के आपके बिल पर पड़े प्रभावों को देखने के लिए नीचे दी गई तालिका को देखें (डेटा विभिन्न राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा टैरिफ आदेश से एकत्रित हुआ है , यह डेटा (कम संचरण) शहरी क्षेत्रों में घरेलू कनेक्शन के लिए ही मान्य है ):
राज्य |
प्रभाव |
आंध्र प्रदेश | 1) स्लैब दरों में 0.5 किलोवाट से कम और 0.5 किलोवाट से अधिक कनेक्टेड लोड के लिए अलग-अलग हैं| 2) मीटर किराया कनेक्टेड लोड के 0.5 किलोवाट से कम और एकल चरण कनेक्शन के लिए लिए 25 रुपये है और 0.5 किलोवाट से अधिक कनेक्टेड लोड के लिए 50 रुपये है ।3) तीन चरण कनेक्शन के लिए मीटर किराया 150 रुपये है। |
अरुणाचल प्रदेश | 1) कनेक्टेड लोड का एकल चरण कनेक्शन के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क 32 रुपये प्रति किलोवाट है| 2) कनेक्टेड लोड का तीन चरण कनेक्शन के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क 53 रुपये प्रति किलोवाट है| |
असम | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 30 रुपये प्रति किलोवाट है| |
बिहार | 1) एकल चरण कनेक्शन में 7 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड के लिए, निर्धारित शुल्क 55 रुपये पहले किलोवाट के लिए होता हैं और प्रत्येक अतिरिक्त किलोवाट के लिए अतिरिक्त 15 रुपये का शुल्क लगता हैं| न्यूनतम मासिक शुल्क 1 किलोवाट के लिए 40 रुपये और प्रत्येक अतिरिक्त किलोवाट के लिए अतिरिक्त 20 रुपये होता हैं। 2) तीन चरण कनेक्शन में 5 किलोवाट से 20 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड के लिए, निर्धारित शुल्क 250 रुपये पहले किलोवाट के लिए होता हैं और प्रत्येक अतिरिक्त किलोवाट के लिए अतिरिक्त 15 रुपये का शुल्क लगता हैं| न्यूनतम मासिक शुल्क 1 किलोवाट के लिए 40 रुपये और प्रत्येक अतिरिक्त किलोवाट के लिए अतिरिक्त 20 रुपये होता हैं। |
छत्तीसगढ़ | 1) एकल चरण कनेक्शन 2 किलोवाट लोड तक होता हैं और न्यूनतम मासिक शुल्क 30 रुपये होता हैं। 2) तीन चरण कनेक्शन 2 किलोवाट से 20 किलोवाट लोड तक होता हैं और न्यूनतम मासिक शुल्क 100 रुपये होता हैं। |
गोवा | 1) मासिक न्यूनतम प्रभार पहले 0 5 किलोवाट के लिए 20 रुपये और प्रत्येक अतिरिक्त 0.5 किलोवाट के लिए 15 रुपये होता हैं। |
गुजरात | 1) निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड कम से कम 2 किलोवाट लोड के लिए 15 रुपये होता हैं| 2 किलोवाट से 4 किलोवाट लोड के लिए 25 रुपये होता हैं| 4 किलोवाट से 6 किलोवाट लोड के लिए 45 रुपये होता हैं और 6 किलोवाट लोड के ऊपर, शुल्क 65 रुपये होता हैं| |
गुजरात – अहमदाबाद | 1) कनेक्टेड लोड का एकल चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 25 रुपये प्रति किलोवाट है और कनेक्टेड लोड का तीन चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 60 रुपये प्रति किलोवाट है| |
गुजरात – सूरत | 1) कनेक्टेड लोड का एकल चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 25 रुपये प्रति किलोवाट है और कनेक्टेड लोड का तीन चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 60 रुपये प्रति किलोवाट है| |
हरियाणा | 1) निर्धारित शुल्क प्रथम 2 किलोवाट के लिए 100 रुपये होता हैं और उसके बाद प्रति अतिरिक्त किलोवाट के लिए यह शुल्क 60 रुपये प्रति अतिरिक्त किलोवाट होता हैं| |
हिमाचल प्रदेश | 1) अनपेक्ष रूप से, कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 30 रुपये प्रति किलोवाट है| |
जम्मू और कश्मीर | 1) मासिक न्यूनतम शुल्क शून्य और 0. 25 किलोवाट लोड के बीच 15 रुपये होता हैं, 0. 25 किलोवाट से 0.5 किलोवाट लोड के बीच 25 रुपये होता हैं, 0.5 किलोवाट से 1 किलोवाट के बीच 40 रुपये होता हैं, और 1 किलोवाट से ऊपर भार के लिए 40 रुपये प्रति किलोवाट भार होता हैं| |
झारखंड | 1) 4 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 200 यूनिट की खपत के नीचे, निर्धारित शुल्क 40 रुपये होता हैं| 200 यूनिट की खपत के अपर यह 60 रुपये होता हैं| 4 किलोवाट से ऊपर कनेक्टेड लोड के लिए निर्धारित शुल्क 100 रुपये होता हैं| |
कर्नाटक | 1) निर्धारित शुल्क पहले किलोवाट के लिए 25 रुपये और कनेक्टेड लोड के हर अतिरिक्त किलोवाट के लिए 35रुपये प्रति किलोवाट होता हैं। |
केरल | 1) कनेक्टेड लोड का एकल चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 20 रुपये प्रति किलोवाट है और कनेक्टेड लोड का तीन चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 60 रुपये प्रति किलोवाट है| |
मध्य प्रदेश | 1) अगर मासिक इकाइयों की खपत 101 और 300 किलोवाट के बीच है, तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक 0.5 किलोवाट के लिए 75 रुपये होता हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 301 और 500 किलोवाट के बीच है, तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक 0.5 किलोवाट के लिए 80 रुपये होता हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 500 किलोवाट से ऊपर है तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक 0.5 किलोवाट के लिए 85 रुपये होता हैं| |
महाराष्ट्र | 1) कनेक्टेड लोड का एकल चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 40 रुपये प्रति किलोवाट है और कनेक्टेड लोड का तीन चरण कनेक्शन के लिए निर्धारित शुल्क 130 रुपये प्रति किलोवाट है| |
मुंबई – टाटा और रिलायंस | 1) एकल चरण कनेक्शन के लिए: निर्धारित शुल्क 40 रुपये प्रति किलोवाट अगर खपत की 100 इकाइयों से कम की हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 101 और 500 किलोवाट के बीच है, तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक किलोवाट खपत के लिए 75 रुपये होता हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 500 किलोवाट से ऊपर है तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक किलोवाट खपत के लिए 100 रुपये होता हैं|2) तीन चरण कनेक्शन के लिए: निर्धारित शुल्क: 100 रुपये प्रति 10 किलोवाट (शुल्क 10 किलोवाट के रेंज में बढ़ता रहता हैं) |
मुंबई – बेस्ट | 1) एकल चरण कनेक्शन के लिए: निर्धारित शुल्क 40 रुपये प्रति किलोवाट अगर खपत की 100 इकाइयों से कम की हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 101 और 500 किलोवाट के बीच है, तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक किलोवाट खपत के लिए 75 रुपये होता हैं| अगर मासिक इकाइयों की खपत 500 किलोवाट से ऊपर है तो निर्धारित शुल्क कनेक्टेड लोड के प्रत्येक किलोवाट खपत के लिए 100 रुपये होता हैं|2) तीन चरण कनेक्शन के लिए: निर्धारित शुल्क: 150 रुपये प्रति 10 किलोवाट (शुल्क 10 किलोवाट के रेंज में बढ़ता रहता हैं) |
मणिपुर | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 60 रुपये प्रति किलोवाट है| |
मेघालय | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 40 रुपये प्रति किलोवाट है| |
मिजोरम | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 25 रुपये प्रति किलोवाट है| |
नगालैंड | 1) निर्धारित शुल्क 10 रुपए, प्रति अतिरिक्त किलोवाट के कनेक्टेड लोड के लिए 100 रुपए |
नई दिल्ली | 1) 0-2 किलोवाट के कनेक्टेड लोड के लिए 40 रुपये। 2-5 किलोवाट के कनेक्टेड लोड के लिए 100 रुपये और 5 किलोवाट से ऊपर के कनेक्टेड लोड के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट| |
ओडिशा | 1) निर्धारित शुल्क 20 रुपए पहले किलोवाट के लिए, प्रति अतिरिक्त किलोवाट के कनेक्टेड लोड के लिए अतिरिक्त 20 रुपए प्रति किलोवाट| |
पंजाब | 1) मासिक न्यूनतम शुल्क 46 रुपये प्रति किलोवाट हैं। |
राजस्थान | 1) 150 इकाइयों से कम खपत के लिए न्यूनतम प्रति माह निर्धारित शुल्क 160 रुपये, 150-300 इकाइयों के बीच खपत के लिए प्रति माह 210 रुपये और 500 यूनिट से ऊपर की खपत के लिए प्रति माह 225 रुपये| |
सिक्किम | 1) कनेक्टेड लोड का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं| |
तमिलनाडु | 1) कनेक्टेड लोड का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं| बिजली खपत के आधार पर शुल्क निर्धारित होता हैं| |
त्रिपुरा | 1) तीन चरण कनेक्शन के लिए (कनेक्टेड लोड 3 किलोवाट के ऊपर): 60 रुपये |
उत्तर प्रदेश | 1) कनेक्टेड लोड का स्थाई प्रभार 75 रुपये प्रति किलोवाट हैं| |
उत्तराखंड | 1) 4 किलोवाट से कम कनेक्टेड लोड के लिए निर्धारित शुल्क 35 रुपये प्रति माह और 4 किलोवाट से अधिक कनेक्टेड लोड के लिए निर्धारित शुल्क 90 रुपये प्रति माह| |
पश्चिम बंगाल | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 30 रुपये प्रति किलोवाट हैं| |
पश्चिम बंगाल – कोलकाता – सीईएससी | 1) कनेक्टेड लोड का निर्धारित शुल्क 10 रुपये प्रति किलोवाट हैं| |
चंडीगढ़ | 1) कनेक्टेड लोड का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं| |
स्रोत: विभिन्न राज्य विद्युत नियामक आयोगों की वेबसाइटों से उपलब्ध नए टैरिफ आदेश (2012 के लिए मान्य)