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रौशनी का प्रयोग न होने पर उसे बंद करके बिजली की आवश्यक बचत करें

By on August 10, 2015

इस्तेमाल न होने पर रौशनी या प्रकाश-व्यवस्था को बंद करने की आदत, ऊर्जा की बचत में एक प्रमुख योगदान देती है| यह बहुत प्रभावी है, हालांकि कुछ अध्ययन सुझाव देते हैं की रौशनी को बंद करने की तुलना में ऊर्जा कुशल रौशनी का उपयोग करना अधिक प्रभावी होता है| रौशनी को बंद करने से हुयी बिजली की बचत, इस बात पर भी निर्भर करती है की हम किस प्रकार उपलब्ध प्रकाश-व्यवस्था का इस्तमाल कर रहे हैं|

एक नियमित इन्कैंडेस्केन्ट बल्ब जो की सबसे कुशल बल्ब होता है, केवल 10% बिजली की खपत करता है और 90% बिजली को गर्मी में बदल देता है| इसलिये, बचायी गयी यूनिट की मात्रा बल्ब की वाट क्षमता और बल्ब के बंद होने के समय (घंटे में) में गुणा करके प्राप्त की जा सकती है| लेकिन गर्मियों में यह एयर कंडीशनर के भार पर भी असर डालेगा, क्यूंकि रौशनी के बंद होने पर यह कम गर्मी का उत्पादन करेगा|

फ्लोरोसेंट लाइट (सीएफएल और ट्यूब लाइट) को बंद करने पर होने वाली ऊर्जा की बचत का मूल्यांकन करना थोड़ा जटिल होता है| फ्लोरोसेंट लाइट, इन्कैंडेस्केन्ट बल्बों की तुलना में थोड़ा अधिक महंगे जरूर होते हैं, लेकिन इनपर अधिकतम प्रभाव अक्सर इनको बंद और चालू होने की स्थिति में ही पड़ता है| ऊर्जा की बचत का मूल्य, एक क्षेत्र विशेष में बिजली की क्या दरें है, उस पर भी निर्भर करता हैं| कुछ क्षेत्रों में यह प्रभावी नहीं हो सकता की आप 5 मिनट के लिए कमरे से बाहर जाने पर इसे बंद करें और कुछ अन्य क्षेत्रों में यह समय 15 मिनट (बिजली की दर पर निर्भर करता है) का भी हो सकता है| यह एक आम धारणा भी है, कि फ्लोरोसेंट लाइट चालू होते वक्त बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करती है| हालांकि, वास्तव में चालू होने के लिए प्रयुक्त हुई ऊर्जा, कई सेकंड तक रोशनी को जलाये रखने के लिए इस्तेमाल में लाई गयी ऊर्जा की तुलना में बहुत कम होती है|

एलईडी सबसे प्रभावी प्रकाश-स्रोत होते हैं और उनका जीवनकाल स्विच को ओन और बंद करने की आवृत्ति से प्रभावित भी नहीं होता है| इसलिए उन्हें बंद करने से होने वाली ऊर्जा की बचत सीधे वाट क्षमता और जितने समय (घंटे में) के लिए यह बंद है, में गुणा करके प्राप्त होती है| एलईडी किसी भी प्रकार की गर्मी का उत्सर्जन नहीं करता है और इस प्रकार यह एयर कंडीशनर के शीतलन को प्रभावित भी नहीं करता है|

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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