बिजली की बचत के लिए सही आकार के वॉटर हीटर/गीजर का चुनाव
- वॉटर हीटर/गीजर की बिजली खपत किन प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है?
- एक परिवार के लिए कितना पानी की आवश्यकता होती है?
- स्नान के लिए आदर्श तापमान क्या है?
- तो आपके परिवार के लिए आवश्यक आदर्श बिजली इकाई क्या है?
- क्या सभी वाटर हीटर बिजली की आदर्श खपत करते हैं?
- तो क्या इसका यह मतलब है कि हमे कम मात्रा का वॉटर हीटर ही खरीदना चाहिए?
- इसलिए वॉटर हीटर का आदर्श आकार क्या है?
- वॉटर हीटर की वाट क्षमता का कितना प्रभाव होता है?
क्या आप एक वॉटर हीटर/गीजर खरीदने की योजना बना रहे हैं और उपलब्ध विकल्पों और आकार के अनुसार वॉटर हीटर/गीजर का सही चुनाव करने की उलझन में हैं? यदि हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं, इस स्थिति का सामना करने वाले आप जैसे कई लोग हैं|
- वॉटर हीटर/गीजर की बिजली खपत किन प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है?
- एक परिवार के लिए कितना पानी की आवश्यकता होती है?
- स्नान के लिए आदर्श तापमान क्या है?
- तो आपके परिवार के लिए आवश्यक आदर्श बिजली इकाई क्या है?
- क्या सभी वाटर हीटर बिजली की आदर्श खपत करते हैं?
- तो क्या इसका यह मतलब है कि हमे कम मात्रा का वॉटर हीटर ही खरीदना चाहिए?
- इसलिए वॉटर हीटर का आदर्श आकार क्या है?
- वॉटर हीटर की वाट क्षमता का कितना प्रभाव होता है?
एक वॉटर हीटर ख़रीदते समय न केवल इस बात का ध्यान रखने की जरुरत हैं कि, यह परिवार की जरूरतों को भलीभाति पूरा करें, बल्कि बिजली के बिल में भी अनुचित वृद्धि न करें| लोग वॉटर हीटर की बिजली खपत जानने के लिए वॉटर हीटर की वाट क्षमता का पता लगाते हैं| लेकिन, बिजली के बिल का निर्धारण करने में वॉटर हीटर की वाट क्षमता की कोई भूमिका नहीं होती हैं| ऐसी कई भ्रान्तिओ को दूर करने के लिए, हम यहाँ कुछ तथ्यों को सूचीबद्ध करके वॉटर हीटर के प्रकार व आकार के अनुसार आपको सही चुनाव करने में मदद करने की कोशिश करेंगे:
वॉटर हीटर/गीजर की बिजली खपत किन प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है?
वॉटर हीटर की बिजली खपत निम्न कारकों पर निर्भर करता है:
- गर्म पानी की मात्रा: यह बिजली की खपत का प्रमुख कारक होता है| आप जितना अधिक गर्म पानी का उपयोग करेंगे, उतना अधिक आपको बिजली का उपभोग करना पड़ेगा|
- नल के पानी का तापमान (इनपुट तापमान): वह स्थान जहाँ मौसम ठंडा रहता हैं, वहां गर्म मौसम वाले स्थानों की तुलना में पानी को गर्म करने के लिए अधिक ताप की जरूरत पड़ती है| उदाहरण के लिए कश्मीर में एक वॉटर हीटर को पानी गरम करने के लिए, तमिलनाडु (जहाँ का मौसम गर्म होता हैं) के मुकाबले अधिक ताप व अधिक बिजली की आवश्यकता होती हैं|
- नहाने के लिए उपयोग किए गए पानी का तापमान: कृपया ध्यान दें की यह थर्मोस्टेट तापमान से अलग होता हैं|
- थर्मोस्टेट तापमान: यह वॉटर हीटर में डिफ़ॉल्ट रूप से ६० डिग्री सेल्सियस पर सेट होता हैं| कुछ वॉटर हीटर, इस सेटिंग को परिवर्तित करने के लिए बाहरी नियंत्रण का उपयोग करते हैं|
- स्टैंडिंग लोस्सेस: एक वाटर हीटर में अगर गरम पानी बचा हो तो उसकी गर्मी निरंतर निकलती रहती है| रखे रखे पानी ठंडा हो जाता है| वाटर हीटर में से दिन भर में जितनी गर्मी निकलती है उसे स्टैंडिंग लॉसेस कहते हैं| वाटर हीटर का इंसुलेशन जितना अच्छा होता है वह उतनी कम गर्मी निकलने देता है और उसका स्टैंडिंग लॉस उतना ही कम होता है| बी अपनी स्टार रेटिंग स्टैंडिंग लॉस के ऊपर करता है| ५ स्टार वाटर हीटर का इंसुलेशन सबसे अच्छा होता है और वह दिन भर में सबसे कम गर्मी खोता है जिससे की बिजली की बचत होती है|
एक परिवार के लिए कितना पानी की आवश्यकता होती है?
इसका पता लगाने के लिए एक बहुत ही सरल दिशानिर्देश नीचे वर्णित है:
- नहाने के लिए बाल्टीभर पानी का उपयोग करने पर: एक बाल्टी स्नान करने में १५ लीटर/प्रति व्यक्ति पानी का उपयोग किया जाता है| अगर स्नान के लिए अधिक बाल्टी का उपयोग हो, तब इसी अनुपात में प्रति व्यक्ति लीटर को जोड़े|
- शावर के साथ स्नान: २५ लीटर/प्रति व्यक्ति (प्रति स्नान)
- टब स्नान या विस्तारित शावर स्नान के लिए: ३५ लीटर/प्रति व्यक्ति (प्रति स्नान)
- कपड़े धोने के लिए: १० लीटर/प्रति व्यक्ति (प्रतिदिन)
- बर्तन धोने के लिए: ५ लीटर/प्रति व्यक्ति प्रति भोजन
(स्रोत: http://www.teriin.org/ResUpdate/reep/ch_9.pdf)
अगर घर में ४ लोग प्रतिदिन ४ बार शावर स्नान करते हैं, तब उन्हें कुल १०० लीटर गर्म पानी की आवश्यकता होती है|
आप अपने घर की पानी की आवश्यकता जानने के लिए उपरोक्त निर्देशों का सही पालन करें और आपको प्रति दिन का गर्म पानी की आवश्यकता का सही अंदाज़ा हो जायेगा|
स्नान के लिए आदर्श तापमान क्या है?
हालांकि थर्मोस्टेट तापमान अधिकांश वॉटर हीटरों में डिफ़ॉल्ट रूप से ६० डिग्री सेल्सियस पर सेट होता हैं, इसका मतलब यह हैं की पानी को ६० डिग्री सेल्सियस तक गरम किया जाता है, पर क्या हमारा शरीर ६० डिग्री सेल्सियस तापमान को सेहन करने के काबिल हैं? जवाब है नहीं| ६० डिग्री सेल्सियस पानी मानव शरीर के लिए खतरनाक है और फर्स्टडिग्री जलन पैदा कर सकता है| मानव शरीर का सामान्य तापमान ३७ डिग्री सेल्सियस है, और इसके ऊपर कोई भी तापमान, अत्यंत गर्मी व जलन उत्पन्न करता हैं| ४६ डिग्री सेल्सियस का तापमान भी मानव शरीर के लिए काफी गर्म हैं, हालांकि ६० डिग्री सेल्सियस की तुलना में यह कहीं कम खतरनाक है| तो यदपि, आपका वॉटर हीटर ६० डिग्री सेल्सियस तक पानी को गर्म करता हो, लेकिन आपको उसको सहने योग्य बनाने के लिए उसमे अतिरिक्त ठंडे पानी का मिश्रण करना ही पड़ेगा|
(स्रोत: http://www.telegraph.co.uk/health/3318578/So-Mr-Prescott-how-hot-should-my-bath- be.html)
तो आपके परिवार के लिए आवश्यक आदर्श बिजली इकाई क्या है?
पानी का ताप एक आदर्श ऊष्मप्रवैगिकी (थर्मोडीनमिक्स) समस्या है और एक सामान्य सूत्र पर आधारित है:
आवश्यक गर्मी = M (पानी की मास) x Cp (पानी की विशिष्ट गर्मी) x डेल्टा T (प्रारम्भ और वांछित तापमान का अंतर)
बिजली इकाइयों की गणना के लिए एक सरलीकृत समाधान है:
उत्तापक (हीटिंग) के लिए आदर्श बिजली इकाई = पानी की मात्रा x तापमान अंतर x ०.००१२
तो अगर आपके परिवार की प्रति दिन की गर्म पानी की आवश्यकता १०० लीटर है, और आप ४० डिग्री सेल्सियस पर पानी का उपयोग करना पसंद करते हैं और आपके नल का पानी तापमान २० डिग्री सेल्सियस, तो आदर्श गर्म पानी इकाई की गणना आप ऐसे कर सकते हैं:
१०० x (४०-२०) x ०.००१२ = २.४ इकाई प्रति दिन
क्या सभी वाटर हीटर बिजली की आदर्श खपत करते हैं?
उत्तर हैं नहीं, हमने जो गणना ऊपर की हैं, वो आदर्श इकाइयों की गणना हैं, वास्तविक वॉटर हीटर इकाइयों की नहीं| वास्तविक इकाईया, वॉटर हीटर के आकार, स्टैंडिंग लोस्सेस और उसका किस प्रकार इस्तेमाल होता इस पर निर्भर करती हैं| जितना अधिक वॉटर हीटर का आकार होता हैं, उसका सतह क्षेत्र भी उतना ही अधिक होता है, जिससे कारण स्टैंडिंग लोस्सेस भी उतने ही ज्यादा होते हैं|
एक १०० लीटर वाटर हीटर का स्टैंडिंग लोस्सेस १ यूनिट/ प्रतिदिन से अधिक होते हैं, एक ७० लीटर वाटर हीटर का स्टैंडिंग लोस्सेस ०.९ यूनिट/प्रतिदिन होते हैं| हालांकि, आकार घटने से स्टैंडिंग लोस्सेस भी उसी अनुपात में घट जातें हैं|
आप अगर दिन भर वाटर हीटर को खुला छोड़ देते हैं तो आप निश्चित रूप से पूर्ण स्टैंडिंग लोस्सेस का नुकसान करते हैं| स्टैंडिंग लोस्सेस से हुए नुकसान को न्यूनतम रखने के लिए, हमे उपयुक्त मात्रा में ही पानी को गर्म करना चाहिए और उपयोग के बाद वाटर हीटर को बंद कर देना चाहिए| पानी की उचित मात्रा में हीटिंग के द्वारा न केवल स्टैंडिंग लोस्सेस कम होते हैं अपितु बिजली की बर्बादी भी कम होती हैं|
तो क्या इसका यह मतलब है कि हमे कम मात्रा का वॉटर हीटर ही खरीदना चाहिए?
यह उपयोग के आधार पर निर्भर करता है| अगर वॉटर हीटर बहुत छोटा है, तो आवश्यक गर्म पानी की मात्रा (६० डिग्री सेल्सियस पर भी), एक व्यक्ति की स्नान सम्बन्धी संपूर्ण जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं होता हैं| आपको वॉटर हीटर के द्वारा वांछित मात्रा में पानी को गर्म करने के लिए लंबे समय तक के लिए इंतजार करना होगा या वॉटर हीटर से पानी का उत्पादन प्रवाह को कम रखना पड़ेगा|
इसलिए वॉटर हीटर का आदर्श आकार क्या है?
वॉटर हीटर का आदर्श आकार, गर्म पानी की आवश्यक मात्रा पर निर्भर करता हैं| अगर लोगों को स्नान करने के लिए २५ लीटर पानी का उपयोग कि जरूरत होती हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करने कि जरूरत होती हैं, कि स्नान लेने के लिए आवश्यक पानी (उन स्थानों पर जहाँ नल के पानी का तापमान बहुत कम नहीं है) अनुकूल स्तर तक गर्म हैं की नहीं |
अगर नल के पानी के तापमान (विशेष रूप से ठंडे स्थानों में) बहुत कम है, तो केवल एक २५ लीटर क्षमता वाला ही वॉटर हीटर आवश्यक है| अगर वाटर हीटर 2 बाथरूम से जुड़ा है, तो पानी के (२५+२५) ५० लीटर के साथ आवश्यकता पूर्ण हो जाएगी| हालांकि इसका यह मतलब नहीं हैं की स्नान के लिए ६ लीटर पानी पर्याप्त नहीं होगा, अंतर सिर्फ यह होगा की पानी आवश्यकतानुसार गर्म होने के लिए ज्यादा वक़्त लेगा, या उसमे थोड़ा ठंडा पानी मिलाकर ही स्नान का संतोष करना पड़ेगा| इसलिए, वॉटर हीटर का आदर्श आकार वह होता हैं, जो आवश्यक ताप उत्पन्न कर दे और एक स्नान को आरामदायक बनाये|
वॉटर हीटर की वाट क्षमता का कितना प्रभाव होता है?
वॉटर हीटर की वाट क्षमता पानी को तेज या धीमी गति से गर्म करता हैं| अगर हम एक इंस्टेंट ४.५ किलोवाट क्षमता का वॉटर हीटर ख़रीदे, तब वह एक २ किलोवाट क्षमता के वॉटर हीटर से अधिक तेजी से पानी को गर्म करेगा| वह अतिरिक्त गर्म पानी के अपव्यय को भी रोकेगा और इस प्रकार वह आवश्यक बिजली बचाने में भी मदद करेंगा| हालांकि केवल एक नकारात्मक पक्ष यह हैं कि, वह घर के बिजली लोड में वृद्धि करता हैं, जिससे आपके घर का बिजली लोड बढ़ जाता हैं, जिससे आपका कनेक्टेड लोड बढ़ेगा और अंततः बिजली बिल के फिक्स्ड चार्ज (स्थाई प्रभार) घटक में भी वृद्धि होगी|