प्लग बिंदु को बंद करने से विविध प्रकार के फायदे
अक्सर हम यह सोचते हैं की रिमोट से टीवी बंद करने से या सिर्फ बिजली की बटन बंद करने से कोई उपकरण बिजली की खपत नहीं करता है| लेकिन तथ्य यह है की उपकरण बिजली की खपत तब तक जारी रखता है जब तक की हम प्लग बिंदु से उसे बंद नहीं कर देते हैं| जब तक बिजली के प्लग बिंदु को बंद नहीं किया जाता हैं, तब तक एलईडी और उसके आंतरिक सर्किटरी बिजली की लगातार खपत करते रहते हैं।
इस विषय पर किए गए अध्ययन से पता चला की हम अतिरिक्त बिजली के रूप में लगभग 7-10% बिजली की इकाईयाँ स्टैंड-बाई मोड में ही बर्बाद कर देते हैं| विभिन्न उपकरणों के लिए कुछ संख्याएँ नमूने के तौर पर नीचे प्रस्तुत की गई हैं:
उपकरण | अतिरिक्त बिजली |
टेलिविजन-सेट | 7 वाट |
डीवीडी प्लेयर | 7.54 वाट |
सेट टॉप बॉक्स | 17.8 वाट |
वीडियो गेम | 23.34 वाट |
लैपटॉप | 15.77 वाट |
डेस्कटॉप पीसी | 21.13 वाट |
मोडम | 5.37 वाट |
संगीत सिस्टम | 13 वाट |
स्पीकर सिस्टम | 2 वाट |
सेल फोन चार्जर | 2.24 वाट |
माइक्रोवेव ओवन | 3.08 वाट |
अधिक उपकरणों की जानकारी यूएस सरकार अनुसंधान लिंक पर प्राप्त कर सकते हैं|
एक उपकरण चालू होने की स्थिति में मुख्य बिंदु से कितने घंटों तक जुड़ा रहता है, इससे हम प्रति महीने खपत इकाइयों की गणना कर सकते है| यह संख्या एक अच्छा संकेत देती हैं की कैसे हम सरल उपायों को अपनाकर बिजली के बिल में आवश्यक कमी कर सकते है।
इस प्रकार अनजाने में, लोग अतिरिक्त बिजली के रूप में बिजली की बहुत अधिक बर्बादी करते हैं| इसको कम करने का एक सरल तरीका यह है की जैसे ही उपकरण का उपयोग करना बंद करे वैसे ही प्लग बिंदु से भी उपकरण को बंद करने की आदत डालें| जिन लोगों को एक बार में कई उपकरणों को बंद करने में मुश्किल होती है, वे इनको नियंत्रित करने के लिए वृद्धि पट्टी या शक्ति पट्टी का उपयोग कर सकते हैं। एक नियमित शक्ति पट्टी में 4-5 प्लग बिंदु होते है, जिन्हे एक ही प्लग के माध्यम से मुख्य बिंदु द्वारा बंद किया जा सकता है। स्मार्ट बिजली पट्टी या ऊर्जा की बचत वाली शक्ति पट्टी, स्लीप मोड में भी मुख्य बिंदु से उपकरण को स्वतः ही बंद कर देती है, ऐसी पट्टियां विभिन्न विकसित देशों में अमूमन आसानी से उपलब्ध होती हैं।
हालांकि, हम इस विषय पर अपना शोध जारी रखेंगे और आपको भारत में उन्हें प्राप्त करने के अतिरिक्त स्रोत व संबंधित जानकारी भी आगे प्रदान करते रहेंगे| इसलिए, पाठकों से अनुरोध हैं की वह आगे भी बिजली बचाओ को नियमित पढ़ना जारी रखें!