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सौर फोटोवोल्टिक प्रणाली के लिए बैटरी और इन्वर्टर का आकार निर्धारण

By on August 27, 2015

अपने पिछले लेख ~ “सौर शब्दकोश फोटोवोल्टिक, पैनल, मॉडयूल, सेल, वोल्टेज, वाट और करेण्ट” में हमने एक सौर पैनल को खरीदने से पहले उसके विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर ध्यान देने की चर्चा की हैं| इस लेख में हम बैटरी, इन्वर्टर एवं उनके आकार संबंधित विभिन्न पहलुओ के बारे में चर्चा करेंगे। यह एक हकीकत है की एक बड़े आकार की प्रणाली काफी महँगी हो सकती है, और एक छोटे आकार की प्रणाली आपकी संपूर्ण ज़रुरतों को पूरा नहीं कर पायेगी| इसलिए सौर पीवी यंत्र खरीदने से पहले हमे उसके आकार पर काफी ध्यान देना चाहिए है| हालाँकि, पिछले लेखों में हम सौर पीवी यंत्र के आकार के बारे चर्चा कर चुके हैं, फिर भी जानकारी की सम्पूर्णता के लिए इस लेख में इसे पुनः शामिल कर रहे हैं|

आकार निर्धारण की मूल बातें

एक सौर पीवी प्रणाली के आकार निर्धारण में प्रणाली की ऊर्जा की जरूरत सबसे महत्वपूर्ण विषय होता है ( ऊपर लेख में दिए गए बिजली के मानकों के अनुसार)| कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी यहां प्रस्तुत हैं:

1) सभी उपकरणों की वाटेज और संख्या पता होनी चाहिए, जिन्हें सौर पीवी पर चलाने की जरूरत है|

2) यदि आपके पास उपकरण की वाटेज क्षमता की जानकारी नहीं है तो आप इसकी ऊर्जा की आवश्यकता (एम्पियर में) देखकर इसकी वाटेज की गणना निम्न साधारण गणना अनुसार कर सकते हैं

वाट = एम्पियर x 240 (वोल्टेज)

3) प्रणाली का बिजली का बिल, प्रणाली की बिजली यूनिट खपत जो प्रति माह देखी जाती हैं, पूरे महीने की यूनिट संख्या को 28/29/30/31 ( यह संख्या उस महीने के कुल दिनों पर निर्भर करती है, जिस महीने के लिए बिल बनाया गया है ) से भाग देकर प्रतिदिन की यूनिट संख्या प्राप्त की जा सकती है|

4) प्रतिदिन प्रत्येक उपकरण का कुल घंटों का इस्तेमाल, इसकी जरूरत आपको तब है जब आपके समक्ष सैम्पल बिजली का बिल न हो| निम्न सूत्र का प्रयोग कर आप एक दिन में हुई बिजली यूनिट की गणना कर सकते हैं:

यूनिट = ( वाट x घंटे)/1,000

यहाँ दो चीजें होना अत्यंत आवश्यक हैं ~ उपकरणों की कुल वोल्टेज मूल्य (जो कि एक प्रणाली की फौरी तौर पर बिजली की ज़रुरत होती है) और कुल यूनिट (जो एक दिन की कुल बिजली की खपत दर्शाती है)

पीवी पैनल का आकार निर्धारण

एक पीवी पैनल का आकार निर्धारण करने के लिए सबसे आवश्यक होता है – एक व्यवस्था में लगे हुए सभी उपकरणों द्वारा एक दिन में प्रयुक्त हुई बिजली की कुल यूनिट जानना (जब तक की यह एक सीधे जुडी व्यवस्था अथवा ग्रिड से जुडी व्यवस्था का हिस्सा न हो, और जिसके लिए विस्तृत विवरण न दिया गया हो – लिंक)| पीवी प्रणाली का आकार एक दिन में उपभोग की जाने वाली कुल यूनिट से कम विद्युत उत्पादन क्षमता का नहीं होना चाहिए।

प्रत्येक पी वी पैनल की एक उच्चतम वाटेज (Wp) होती है जो कि उसके ऊपर दर्शायी जाती है| एक, 1 kWp (अथवा सर्वोच्च किलोवाट) प्रणाली को अमूमन प्रतिदिन 5 -7 यूनिट उत्पादित करना चाहिए| इस प्रकार प्रतिदिन अधिकतम उपभोग की जाने वाली यूनिट को 5 से भाग दे कर, हम पीवी प्रणाली के उचित आकार (kWp) का सही निर्धारण कर सकते हैं|

यदि आप ग्रिड से जुड़ी हुई प्रणाली लेना चाहते हैं, तो आप एक बड़े प्रणाली का चुनाव कर सकते हैं, जिससे की अतिरिक्त उत्पादित बिजली को, बिजली वितरण वाले (अथवा डिस्कॉम) को वापस बेचा जा सकें। इस दशा में आप पीवी पैनल स्थापित की जाने वाली जगह के आधार पर पीवी प्रणाली के आकार को अनुकूल कर सकते हैं (इसपर अधिक जानकारी के लिए कृपया इस को लिंक देखे)|

पीवी प्रणाली की बैटरियों का आकार निर्धारण

यदि आप ग्रिड से जुड़ी हुई अथवा सीधे जुड़ी हुई प्रणाली नहीं लगा रहे हैं, तो आपको पीवी पैनल द्वारा उत्पादित ऊर्जा को संग्रहीत करने के लिए बैटरियों की आवश्यकता होगी। पीवी पैनल के आकार निर्धारण के साथ ही बैटरियों का आकार निर्धारण भी महत्वपूर्ण होता है। यदि आप अधिक बैटरियां खरीदते हैं तो वो पूरी तरह से चार्ज नहीं हो पाएंगी और यदि आप कम बैटरियां खरीदते हैं तो आप सौर पैनल का अधिकतम लाभ नहीं ले पाएंगे।

अधिकतर बड़े पीवी संयंत्र गहरी साइकिल (अथवा गहरे निस्तारण वाली) बैटरियां इस्तेमाल करते हैं, जो कि न्यूनतम ऊर्जा स्तर तक निस्तारित एवं तेजी से दोबारा ऊर्जावान हो जाने के लिए परिकल्पित की जाती हैं। ये आम तौर पर ‘लेड एसिड’ बैटरियां होती हैं, जिन्हें रखरखाव की जरूरत होती है। सौर मोबाईल चार्जर अथवा छोटे चार्जर के लिए ‘लीथियम’ आयन वगैरह बैटरियां होनी चाहिए। बैटरियों की उर्जा संग्रहण की छमता का मापन एम्पियर-घंटा (ए एच) अथवा मिली एम्पियर -घंटा (एम ए एच) से उल्लिखित होता है। इनकी आंकी हुई वोल्टेज भी होती है जिसे ये उत्पन्न करती हैं। (साधारणतया गहरी निर्वहन बैटरियां 12 वोल्ट की व सेलफोन बैटरियां 5 वोल्ट , वगैरह की होती हैं)|

एक बैटरी द्वारा कुल ऊर्जा के संग्रहण की गणना करने के लिए आप निम्न सूत्र का प्रयोग कर सकते हैं

यूनिट = (वोल्ट x एएच ) / 1,000 अथवा (वोल्ट x एमएएच ) / 1,000,000

एक दिन में कुल यूनिट की आवश्यकता की गणना कैसे करें एवं एक पीवी व्यवस्था के आकार निर्धारण के बारे में हम पहले ही बात कर चुके हैं। बैटरियों का आकार इस प्रकार से होना चाहिए कि पीवी व्यवस्था द्वारा उत्पन्न यूनिट्स उस संख्या के बराबर हो, जिसकी ऊपर हम गणना कर चुके हैं।

अतः यह मानते हुए हमारे पास 1 किलो वाट की व्यवस्था है और हम यह मानते हैं की औसतन यह एक दिन में 6 यूनिट्स उत्पादित करती है और यदि हमें इसके लिए हम 12 वोल्ट बैटरी खरीदते है तो बैटरी का एएच अथवा संग्रहण मात्रा आवश्यक होती हैं:

(6 x 1,000)/12 = 500 एएच

सौर पीवी व्यवस्था के लिए इन्वर्टर के आकार का निर्धारण

एक पावर इन्वर्टर अथवा इन्वर्टर, वह व्यवस्था होती है जो डायरेक्ट बिजली प्रवाह (अथवा डी सी) को आल्टरनेट (अथवा एसी) बिजली प्रवाह में परिवर्तित कर देती है। एक सौर पैनल डीसी बिजली प्रवाह उत्पन्न करता है, बैटरियां भी डीसी बिजली प्रवाह उत्पन्न करती हैं, लेकिन हम अपने प्रतिदिन के जीवन में अधिकतर जिन व्यवस्थाओं का इस्तेमाल करते हैं, वो सभी एसी बिजली का इस्तेमाल करती हैं। इन्वर्टर में ट्रांसफार्मर भी होते हैं जो की डीसी इनपुट वोल्टेज को एसी वोल्टेज में परिवर्तित कर देते हैं। व्यवस्था के प्रकार (ग्रिड अथवा ऑफ-ग्रिड) के आधार के अनुसार विभिन्न प्रकार के इन्वर्टर के लिए उपलब्ध होते हैं। इन्वर्टर के आकार का निर्धारण इन जुड़े हुए उपकरणों की वोल्टेज क्षमता पर निर्भर करता है। इन्वर्टर का इनपुट मापन कभी भी उपकरणों की कुल वाटेज से कम नहीं होना चाहिए। साथ ही इसका न्यूनतम इनपुट वोल्टेज बैटरी की व्यवस्था के बराबर होना चाहिए। आदर्श परिस्थिति में इन्वर्टर की वाटेज क्षमता भी उससे जुड़े हुए उपकरणों की क्षमता से 20-25% अधिक होना बेहतर होता है। यह विशेष तौर से जरूरी हो जाता है यदि जुड़े हुए उपकरणों में मोटर अथवा कम्प्रेशर (जैसे एसी, फ्रिज, पम्प वगैरह) होते हैं, यह उच्च स्टार्टिंग करेंट खींचते हैं।

बाजार में उपलब्ध अधिकतर इन्वर्टर का मापन अमूमन kVA/VA अथवा किलो वोल्ट एम्पियर/वोल्ट एम्पियर में होता है। आदर्श स्थितियों में (1 का पावर फैक्टर) 1 VA = 1 वाट होता है, किन्तु वास्तविकता में पावर फैक्टर 0. 85 से 0.99 (पावर पर अधिक जानकारी: What is Power Factor correction and how MDI (Maximum Demand Indicator) penalty can be avoided) के बीच भिन्न हो सकता है।

अतः अनुमान लगाया जा सकता है कि 1.8 VA = 1 वाट, अतः यदि आपकी व्यवस्था 1,000 वाट की है, तो इसका मतलब आपके इन्वर्टर की क्षमता 1,180 VA या 1.8 kVA होना चाहिए (एक सुरक्षित पक्ष होने के लिए आप कुछ अतिरिक्त मात्रा जोड़ सकते हैं)।

इन्वर्टर की VA जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक संख्या में यह उपकरणों की मदद करेगा, लेकिन इस कारण यह अधिक महंगा भी होगा। अतः इसे खरीदते समय इसकी उचित क्षमता का निर्धारण करना भी महत्वपूर्ण होता है। साथ ही, एक ग्रिड से जुडी प्रणाली जहां कोई बैटरी नहीं जुडी है, वहां कुशल और सुरक्षित प्रचालन के लिए इन्वर्टर की VA क्षमता पीवी पैनल की वाटेज के अनुरूप ही होनी चाहिए।

सन्दर्भ

http://en.wikipedia.org/wiki/Inverter_(electrical)

http://en.wikipedia.org/wiki/Solar_inverter

http://www.leonics.com/support/article2_12j/articles2_12j_en.php

http://www.solarpowerworldonline.com/2010/07/how-to-choose-the-right-pv-power-inverter/

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