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क्या इनवर्टर बिजली का संचय कर सकते हैं?

By on September 24, 2015

एक इनवर्टर ऊर्जा (या बिजली) उपलब्ध कराने के लिए, विशेषतौर पर ‘बिजली आउटेज’ के दौरान’ बैक-अप’ के रूप में, निश्चित रूप से एक बहुत ही उपयोगी उपकरण होता है। यह बिजली के सुगम उपयोग को सुनिश्चित करता है, चाहे आप कैसा भी कार्य कर रहे हो – एक कंप्यूटर पर कोई कार्य कर रहे हो या टेलीविजन देख रहे हो या फिर वाशिंग मशीन आदि का उपयोग कर रहे हो| यह बिना किसी रुकावट के बिजली को उपलब्ध कराता हैं| जैसे ही बिजली घर से बिजली काट दी जाती हैं, या बंद कर दी जाती हैं, इन्वर्टर स्वत: चालु हो जाता हैं, और उपकरणों के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। लेकिन आजकल कुछ इन्वर्टर निर्माता यह दावा करते हैं, की उनके द्वारा निर्मित इनवर्टर बिजली का संचय के साथ बिजली की उत्पत्ति कर सकते हैं, इस बयान में कितनी सत्यता हैं – आइये इसका पता लगाते हैं।

इनवर्टर के बारे में एक छोटी सी, मगर महत्वपूर्ण बात

एक इनवर्टर मूल रूप से एक ऐसा उपकरण होता हैं, जो एक डायरेक्ट करंट (डीसी) को प्रत्यावर्ति करंट (ऐसी) में परवर्तित करता है। परन्तु, यह अपने आप में खुद से बिजली बैकअप प्रदान नहीं कर सकता हैं। एक इनवर्टर, एक यूपीएस (अबाधित विद्युत आपूर्ति) के तीन घटकों में से एक होता है|  इसके तीन घटक होते हैं: चार्जर, बैटरी और इनवर्टर| इन तीन घटकों की असेंबली ही संयुक्त रूप से उपकरण के लिए बिजली बैकअप प्रदान करते हैं| इस असेंबली को हम इनवर्टर कहते हैं, परन्तु वास्तविकता में इनवर्टर मात्र असेंबली का एक घटक मात्र ही होता हैं| समझने की दृष्टि, पूरे लेख में यहाँ पर असेंबली को ही इनवर्टर कहेंगे|

किसी भी घर/कार्यालय में एक चार्जर बिजली की आपूर्ति से जुड़ा होता हैं और वह मेंस (बिजली का प्रमुख स्रोत) से खीच कर बैटरी चार्ज करने का कार्य करता है| बैटरी में चार्ज अमूमन  स्टोर रहता हैं, जिसका वह बाद में (पावर आउटेज के दौरान) उपयोग कर सकता हैं| अब यहाँ एक दिलचस्प बात नोट करने के लिए यह हैं की बैटरी में चार्ज स्टोर (संग्रहित) तो रहता हैं, वह प्रत्यक्ष करेंट (डीसी) के रूप में होता हैं और उपकरणों को उनके कामकाज के लिए एसी करेंट की जरूरत पड़ती है। हमे यही पर इनवर्टर की जरुरत होती हैं| इनवर्टर डीसी करेंट को एसी करेंट में बदल कर उपकरण को बैटरी से बिजली का उपयोग कर चलाता हैं| इनवर्टर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस लेख को देखें – घर के बिजली के बिल का उचित प्रबंधन करने के लिए सही इन्वर्टर का चुनाव|

क्या इनवर्टर बिजली की खपत करते हैं

किसी एक घर या एक कार्यालय में इनवर्टर उपकरणों के लिए बिजली बैकअप तो  प्रदान करता है, परन्तु वे खुद भी बिजली की कुछ मात्रा का उपभोग करते हैं। अगर कोई भी डिवाइस, ऊर्जा को 100-फीसदी उत्पादन कर उसका खपत कर ले तो फिर उस डिवाइस को 100% ऊर्जा कुशल माना जायेगा| एक इनवर्टर कभी भी 100-फीसदी ऊर्जा कुशल नहीं हो सकता| एक इनवर्टर के कामकाज के साथ हमेशा कुछ प्रकार का नुक्सान या कहे खुद के द्वारा ही खपत जुड़ा रहता हैं| दूसरे शब्दों में कहे तो, हम जैसे ही इन्वर्टर को ‘स्विच ओन’ करते हैं, जुड़े हुए उपकरणों को पावर प्रदान करने के साथ वह बिजली की भी कुछ खपत स्वयं करता हैं, जिसे हम यहाँ नुक्सान के रूप में परिभाषित कर रहे हैं|  वास्तव में, जब वह मुख्य बिजली की आपूर्ति से जुड़ा नहीं भी होता है, तब भी एक इनवर्टर ऊर्जा की कुछ हानि या खपत एक निश्चित मात्रा में जरूर कर रहा होता हैं। आमतौर पर यह देखा गया है कि यह इन्वर्टर द्वारा ऊर्जा का नुक्सान, उसके आकार के अनुपात के अनुसार ही होता है|  इन्वर्टर का आकर जितना बड़ा होगा, ऊर्जा की खपत भी उतनी ही अधिक होगी और इसके विपरीत भी बिल्कुल कुछ वैसा ही होगा| तो अगर आप यह सोच कर अधिक आकार का इन्वर्टर खरीदने जा रहे हो, की ये आपको अधिक समय तक के लिए पॉवर बैकअप प्रदान करेगा, तो आपको फिर दुबारा सोचने की आवश्यकता हैं|  क्योंकि यद्यपि यह आपको निश्चित रूप में अच्छा बिजली बैकअप तो प्रदान करेगा, लेकिन अधिक आकार के कारण इसके द्वारा अधिक ऊर्जा का नुक्सान भी अवश्य  होगा|

एक इनवर्टर द्वारा ऊर्जा का नुक्सान

जैसा की हमने ऊपर चर्चा भी की है, एक इनवर्टर में बिजली का कुल या संपूर्ण ‘इनपुट’, उपकरणों के बिजली उत्पादन के लिए परिवर्तित नहीं होता हैं| इसके पीछे कारण यह है की एक इन्वर्टर में कुछ ऊर्जा का नुक्सान निरंतर होता रहता हैं| यह नुक्सान इन्वर्टर के आंतरिक घटको में सतत होता रहता हैं, इन्हे किसी भी हालत में पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है| यह नुक्सान इन्वर्टर के बैटरी के ‘कपैसिटर’ को चार्जिंग/डिस्चार्जिंग करने की प्रक्रिया के समय होते हैं|  इसके अलावा चार्जिंग मिलने के कारण या तारों में ऊर्जा खपत से इन्वर्टर  में ऊर्जा का कुछ नुक्सान भी जरूर होता रहता हैं| चार्जिंग मिलने के कारण हुए ऊर्जा खपत को हम ‘ट्रिकल चार्जिंग’ कहते हैं, दूसरे शब्दों में बोले तो एक बैटरी को बिना किसी लोड पर या कहे की पूरी तरह से चार्ज होने के उपरांत भी उसे चार्ज करने से जो ऊर्जा खपत होती हैं, उसे हम तकनीकी भाषा में  ‘ट्रिकल चार्जिंग’ कहते हैं| यह सभी नुक्सान निश्चित रूप से इन्वर्टर की कुल क्षमता पर एक संयुक्त प्रभाव डालते है और उसकी कुल क्षमता को कम करते हैं।

आमतौर पर देखे तो एक इनवर्टर की दक्षता 85% से 95% के भीतर ही रहती हैं| इसके अलावा, यह भी देखा गया है की इनवर्टर की दक्षता एक निश्चित सीमा से जुड़े लोड में वृद्धि के साथ बढ़ जाती है और एक सीमा की प्राप्ति के बाद, इनवर्टर की  दक्षता जुड़े लोड में वृद्धि के साथ स्वतः घटने भी लगती हैं| इस प्रकार के दक्षता क्षमता विभिन्न ब्रांडों के इनवर्टर के साथ बदलते रहते हैं, काफी हद तक यह इस बात पर निर्भर करते हैं की आप किस प्रकार के इनवर्टर का उपयोग कर रहे हैं|

इसलिए अग़र हम एक घर का उदाहरण ही ले जो 1 केवीए का कुल भार पर हो और वह एक इन्वर्टर का उपयोग कर रहा हो, जो 85% ऊर्जा कुशल हो, तो ऊर्जा का नुक्सान लगभग 150 वाट के बराबर होगा और अगर यह इन्वर्टर 10 घंटे के लिए ही प्रयोग में लाया जाएं, तो यह प्रतिदिन लगभग 1.5 बिजली यूनिट की खपत करेगा|

क्या इनवर्टर बिजली (ऊर्जा) का संचय कर सकता है?

हम सभी को पता हैं की इनवर्टर बिजली बैकअप प्रदान करता हैं (जो की एक अत्यंत अच्छी बात है !)। परन्तु, क्या वे बिजली की कुशल बचत भी कर सकता हैं?

हाल ही में, मिक्रोटेक, एक कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के एक विज्ञापन के साथ आया था, जिसमें यह दर्शाया गया था की उसके द्वारा निर्मित इनवर्टर बिजली का संपूर्ण संचय कर सकता हैं (जैसा कि आप नीचे इस वीडियो में भी देख सकते हैं)|

परन्तु सच्चाई यह हैं की इनवर्टर संपूर्ण बिजली नहीं बचा सकते हैं

इसके पीछे कारण यह हैं की जैसा हमने ऊपर चर्चा भी की है, की इनवर्टर के साथ हमेशा कुछ प्रकार का ऊर्जा खपत निश्चित रूप से जुड़ा रहता हैं, चाहे यह किसी भी निर्माता द्वारा निर्मित हो थोड़ी ऊर्जा खपत तो एक इनवर्टर में हमेशा होगी ही| सरल शब्दों में कहे तो, इन्वर्टर से जब बिजली गुजरती या प्रवाहित होती हैं, तो इस प्रक्रिया में कुछ नुक्सान स्वाभाविक रूप से होता ही हैं, जिसे पूरी तरह से समाप्त किया या टाला नहीं जा सकता है| हालांकि, एक विशेष निर्माता द्वारा निर्मित एक इनवर्टर की समग्र क्षमता निश्चित रूप से दूसरे किस्म के इनवर्टर से निश्चित रूप से बेहतर हो सकती हैं,| एक इन्वर्टर में ऊर्जा नुक्सान किसी अन्य रूप के इन्वर्टर की तुलना में कम हो सकता है, इसमें सुधार हो सकता हैं,परन्तु एक इनवर्टर में ऊर्जा की निश्चित रूप से कुछ खपत होगी ही होगी।

इसलिए ऊपर दिए विज्ञापन से हम यह तो संतोषजनक ढंग से कह सकते हैं की यह उत्पाद अन्य इनवर्टर की तुलना में अधिक कुशल तो हो सकता हैं, परन्तु सच्चाई यह हैं की यह इनवर्टर भी बिजली नहीं बचा सकता हैं| यह अधिक से अधिक अन्य इनवर्टर के मुकाबले केवल हो रहे ऊर्जा घाटे को कम कर सकता हैं। कोई भी इनवर्टर संपूर्ण रूप से बिजली का संचय नहीं कर सकता हैं|

निष्कर्ष

एक इनवर्टर (अबाधित विद्युत आपूर्ति उपकरण) जरूरत के मुताबिक कुशलता से बिजली बैकअप प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, इनवर्टर में कुछ आंतरिक बदलाव कर के हम, इसे तकनीकी रूप से अधिक प्रभावी भी बना सकते हैं| संक्षेप में कहें तो, एक इनवर्टर में ऊर्जा नुक्सान तो कम से कम हो सकता है, परन्तु इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है।

संदर्भ

  1. http://bwrcs.eecs.berkeley.edu/Classes/IcBook/SLIDES/slides3.pdf
  2. http://en.wikipedia.org/wiki/Power_inverter
  3. http://www.homepower.com/articles/solar-electricity/equipment-products/how-inverters-work
About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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