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टेलीविजन विद्युत उपभोग के विषय में कुछ मूल जानकारी

By on January 26, 2015

1980 के दशक में टेलीविज़न ने काले-और-सफेद टीवी के रूप में भारतीय घरों में प्रवेश शुरू किया था| उस युग के दौरान टेलीविज़न घरों में उपलब्ध सबसे आम उपयोगिता सेट थे| तब से आज तक टेलीविजन प्रौद्योगिकी काफी बदल चुकी हैं और हमने भारतीय बाजार में विभिन्न प्रकार के मॉडल का प्रवेश होते देखा है जैसे: CRT (कैथोड रे ट्यूब), प्लाज्मा, एलसीडी और एलईडी टीवी| पहले के मुकाबले टीवी का आकार भी कभी बढ़ गया हैं| कई चैनल्स और हाई डेफिनिशन (एचडी) तकनीक के आगमन से इन टेलीविजनो में बिजली की खपत भी काफी बढ़ गई है|

यद्यपि बढ़ती या घटती बिजली खपत बहुत व्यक्तिगत विषय हैं, लेकिन फिर भी टेलीविजन खरीदते समय या उसका संचालन करते हुए, अगर हम कुछ चीज़ो का ध्यान रख सके तब बिजली की खपत के प्रबंधन में यह काफी मददगार हो सकता हैं|

1) टाइप: बाजार इन दिनों कई प्रकार के टीवी सेट से भरे हुए हैं और खरीदार भी खरीदते वक़्त ज्यादातर सिर्फ टीवी तस्वीर की गुणवत्ता को ही मूल्य देते हैं| CRTs (कैथोड रे टयूब टेलीविज़न) या कहे पुराने प्रकार के टीवी सेट, अब प्रचलन से बाहर हैं और ज्यादातर लोगों को यह पसंद भी नहीं है| हालांकि लोग इसे भारी आकार की वजह से पसंद नहीं करते हैं, पर यह एलसीडी और LEDTV की तुलना में भी बिजली की खपत के मामले में अपेक्षाकृत अक्षम है| प्लाज्मा टीवी सबसे अक्षम टेलीविज़न सेट होते हैं, बड़े सेट एक फ्रिज की भाति ज्यादा बिजली खपत करते हैं| एक 55 इंच प्लाज्मा टीवी लगभग 507 वाट बिजली खपत करते हैं| एलसीडी और एलईडी टीवी सेट, CRT और प्लाज्मा की तुलना में कही बेहतर होते हैं| एलईडी एलसीडी की तुलना में थोड़ा बेहतर होते हैं| रियर प्रोजेक्टर टीवी, www.tv.com के आंकड़ों के अनुसार सबसे कारगर टीवी सेट होते हैं

* माइक्रोडिस्प्ले रियर प्रोजेक्टर: प्रति वर्ग इंच 0.11 वाट
* एलसीडी: प्रति वर्ग इंच 0.16 वाट
* CRT: प्रति वर्ग इंच 0.25 वाट
* प्लाज्मा: प्रति वर्ग इंच 0.30 वाट

2) आकार: जैसा की ऊपर डेटा में दिखाया गया है, बड़े आकार के टेलीविजन अधिक बिजली की खपत करते हैं| तो यह बहुत महत्वपूर्ण है की हम अपने कमरे के लिए टेलीविजन का सही आकार का चयन करें| एक CRT का अधिकतम आकार ३७ इंच होता हैं और इससे बड़ा विकल्प टीवी के अन्य प्रकारों में उपलब्ध होता हैं|

3) पिक्चर सेटिंग्स: पिक्चर सेटिंग्स टेलीविजन की ऊर्जा खपत को काफी हद तक प्रभावित करते हैं| जैसे चित्र सेटिंग ज्यादा उज्जवल होती हैं, वह अधिक ऊर्जा खींचता है| इसके अलावा ज्यादातर टीवी जो शोरूम से सीधे घर आतें हैं, उनमे उज्जवल उत्पादन के लिए डिफ़ॉल्ट सेटिंग होती हैं| वह शोरूम में ऐसे रखे ही जातें हैं ताकि वह देखने में बेहतर लगे| कम उज्जवल सेटिंग्स करने से हम अनावश्यक बिजली खपत से बच सकते हैं| इसके अलावा बेहतर तस्वीर की गुणवत्ता, अधिक बिजली खपत में परिलक्षित होती हैं| इसी प्रकार एचडीटीवी, गैर एचडी की तुलना में बहुत अधिक बिजली खपत करती है| बढ़ते हुए विकल्प और टीवी का बढ़ता उपयोग के साथ, टेलीविजन सेट की मात्रा में भी आये दिन इज़ाफ़ा हो रहा हैं| लेकिन सही टीवी सेट का चयन और उसका बेहतर संचालन करने के लिए, उपभोक्ता को यह सुनिश्चित करने की जरुरत हैं, कि एक टेलीविजन सेट द्वारा अनावश्यक बिजली खपत ना हो रही हो|

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