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लैपटॉप और डेस्कटॉप की ऊर्जा तुलना

By on August 27, 2015

जब आप एक लैपटॉप, टैबलेट या एक डेस्कटॉप खरीदने का फैसला करते हैं, तब माना जाता है कि उनकी कीमत, पोर्टेबिलिटी, स्पेस (जगह) और उन्नयन की आसानी जैसे कई कारक बहुत महत्त्वपूर्ण होंगे| वहीं बिजली की खपत को शायद ही कभी एक महत्त्वपूर्ण कारक के रूप में माना जाता है| अधिकांश लोग यह जाने बगैर लैपटॉप, टैबलेट या डेस्कटॉप का उपयोग करते हैं की उनके द्वारा बिजली की कितनी खपत होती हैं| हालांकि, इन उपकरणों को खरीदने में  अन्य विभिन्न कारक उर भी हो सकते हैं, परन्तु अगर उपभोक्ता बिजली की खपत को एक महत्त्वपूर्ण कारक के रूप में मानकर, खरीदने से पूर्व ठीक प्रकार विवेचना करें, तो लैपटॉप और टैबलेट की खरीद में उचित निर्णय लेने में काफी मदद हो सकती हैं|

बिजली की खपत:

लैपटॉप या टेबलेट निर्माता कंपनियों के लिए, और इन उपकरणों की डिजाइनिंग के लिए बिजली की खपत एक बहुत महत्वपूर्ण कारक होता हैं|  यह इसलिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्यूंकि यह इन उपकरणों को बिजली के प्लग से जोड़े बिना, एक बैटरी पर कितनी देर चला सकते हैं, की अवधि निर्धारित करते हैं| एक लैपटॉप या टेबलेट में इस्तेमाल होने वाला लगभग हर एक घटक ऊर्जा कुशल होता है|

लैपटॉप में विभिन्न ऊर्जा प्रबंधन फीचर होते हैं। एक लैपटॉप में बिजली की खपत का 70-80% सीपीयू के द्वारा प्रयुक्त होता है, और बाकी के घटक बहुत कम बिजली खपत करते हैं। आम तौर लैपटॉप 20-50 वाट तक की बिजली का उपभोग करते हैं। जिसको टाइम सेवर मोड्स  द्वारा कम  किया जा सकता  है|

वहीँ दूसरी तरफ डेस्कटॉप में 60-200  वाट की बिजली प्रयोग होता हैं। यह बहुत हद तक स्क्रीन के प्रकार पर निर्भर करता है। एक CRT (कैथोड रे ट्यूब),स्क्रीन एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) स्क्रीन की तुलना में अधिक बिजली का सेवन करती है। एक CRT स्क्रीन की तुलना में, एक एलसीडी स्क्रीन से  75% बिजली को बचाने में सक्षम होती हैं। एक डेस्कटॉप को बिजली जाने के दौरान चालू  रखने के लिए यूपीएस  (बाधा रहित विधुत आपूर्ति )  की भी जरुरत पड़ती हैं, ,जो की खुद पर्याप्त मात्रा में बिजली की खपत करता  हैं|

कंप्यूटर के लिए ऊर्जा और बीईई  रेटिंग:

जुलाई 2009 में, बिजली की खपत के आधार पर कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट को वर्गीकृत करने के लिए अमेरिकी EPA (पर्यावरण संरक्षण एजेंसी) ने  ऊर्जा स्टार रेटिंग की एक नई प्रणाली की शुरूआत की है। इस प्रणाली के अनुसार, यह मानक तय किये गए की सबसे कुशल कंप्यूटर का केवल 25% कंप्यूटर ही मानक मापदंडों के अनुसार बराबर या बेहतर हो सकें| यह भी सुनिश्चित किया की ऊर्जा सितारा वर्गीकृत कंप्यूटर, गैर-वर्गीकृत वाले कंप्यूटर की अपेक्षा 30% अधिक कुशल हो|  नीचे EPA द्वारा किया गया  वर्गीकरण प्रस्तुत है:

डेस्कटॉप के लिए:

श्रेणी अ: <= 148.0 किलोवाट घंटा

श्रेणी बी: <= 175.0  किलोवाट घंटा

श्रेणी सी: <= 209.0  किलोवाट घंटा

श्रेणी डी: <= 234.0  किलोवाट घंटा

लैपटॉप और टेबलेट के लिए:

श्रेणी अ: <= 40.0  किलोवाट घंटा

श्रेणी बी: <= 53.0  किलोवाट घंटा

श्रेणी सी: <= 88.5  किलोवाट घंटा

नोट: 1 किलोवाट घंटा बिजली की 1 यूनिट है और उससे अधिक संख्या वार्षिक बिजली की खपत के लिए है)

किसी भी ऊर्जा स्टार रेटेड कुशल कंप्यूटर या लैपटॉप पर नीचे शुरू में एक लोगो प्रदर्शित होता  है। गैर-कुशल कंप्यूटर में ऐसे लोगो नही दिखाई देते है।

ऊर्जा दक्षता  ब्यूरो ने  भारत में उपलब्ध कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए ऊर्जा स्टार रेटेड प्रणाली को बढ़ाया और योग्य मशीनों के लिए नीचे दिए गए लोगो का भरपूर उपयोग भी किया है।

बिजली बचाओ  पर हम आपको बिजली की खपत के लिए लैपटॉप और डेस्कटॉप की तुलना करने और एक मशीन के उपयोग की लागत का मूल्यांकन करने में मदद करने के लिए एक कैलकुलेटर का निर्माण  करने  में प्रयासरत हैं | इसलिए, हम अपने पाठकों से अनुरोध करते हैं की कृपया इस स्थान को आगे भी  देखते रहे।

कंप्यूटर में पावर मैनेजमेंट:

एक कंप्यूटर में बिजली की खपत 4 प्रकार से होती हैं:

  1. सक्रिय अवस्था:  इस अवस्था में ऑपरेटिंग सिस्टम लोड किया जाता है और उपयोगकर्ता सक्रिय रूप से कंप्यूटर पर काम करता रहता  है।
  2. निष्क्रिय अवस्था:   इस  अवस्था में ऑपरेटिंग सिस्टम लोड किया जाता है और डिफ़ॉल्ट प्रोग्राम (स्टार्टअप पर परिभाषित)  चलता रहता हैं।
  3. स्लीप मोड: यह कम बिजली की  स्तिथि  में होता है कि कंप्यूटर एक निश्चित समय के बाद या मैनुअल चयन के द्वारा निष्क्रिय हो जाता है, हालांकि,  कंप्यूटर उपयोगकर्ता की कार्रवाई से पुनः जागृत भी हो जाता है|
  4. स्टैंडबाय मोड: यह कंप्यूटर की वह अवस्था है, जब कंप्यूटर  मुख्य विद्युत आपूर्ति से जुड़ा होता है और आपूर्ति बंद हो जाने पर कंप्यूटर शट डाउन हो जाता है (हालांकि, कंप्यूटर अभी भी बिजली का उपभोग कर रहा होता है!)।

इन अवस्थाओं में बिजली की खपत का प्रबंधन करने के लिए, सभी ऊर्जा स्टार रेटेड  कंप्यूटर में ऊर्जा प्रबंधन सुविधाये होती  है। जो की बिजली बचाने में मदद करते है|  बिजली प्रबंधन सुविधाओं के बारे में अधिक जानने के लिए आप अपने ऑपरेटिंग सिस्टम पर  एनर्जी स्टार  द्वारा इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं – अपने कंप्यूटर पर बिजली प्रबंधन को सक्रिय करें| अपने  कंप्यूटर पर बिजली प्रबंधन सुविधाओं को सक्षम करने से आप अपने कंप्यूटर के बिजली के उपयोग पर हुए अधिक खर्च पैसे को बचाने में मदद भी कर सकते हैं।

एक मशीन खरीदने से पहले महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करना चाहिए:

जब आप एक कंप्यूटर खरीदने की योजना बना रहें हो तब आपको अपनी कुल आवश्यकताओं का आंकलन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

  • यदि आपको सिर्फ ईमेल, वेब की जांच (सर्फ) और कुछ छोटे अनुप्रयोगों का उपयोग करने के लिए एक मशीन की जरूरत है तो, एक टेबलेट आप के लिए सबसे आदर्श होगा। टेबलेट में बहुत कम पावर का प्रॉसेसर होता है, जो की बिजली के बहुत कम उपभोग करता है। लैपटॉप और डेस्कटॉप में  अधिक पावर का प्रॉसेसर होता है, जो की अधिक बिजली के उपभोग करतें है। यदि आपको अधिक कम्प्यूटेशनल शक्ति की जरूरत है, तो एक ड्यूल कोर प्रोसेसर अच्छा होगा।
  • एक डेस्कटॉप खरीदते समय हमेशा CRT की अपेक्षा एलसीडी स्क्रीन पर विचार करें। CRT की अपेक्षा एलसीडी में बहुत कम बिजली का उपयोग होता है ।
  • स्टैण्डर्ड हार्ड ड्राइव की अपेक्षा ठोस स्टेट ड्राइव पर विचार करें। हालांकि, ठोस स्टेट ड्राइव थोड़ा अधिक महंगा जरूर होता है, लेकिन यह बहुत कम बिजली की खपत करते हैं।
  • इंटेल एटम की तरह कम शक्ति वाले चिप्स पर विचार करें। जो की कम बिजली खपत के साथ बढ़िया प्रदर्शन प्रदान करते हैं|

अंत में …

एक लैपटॉप का प्रयोग कर आप 50% या उससे अधिक बिजली का संचय कर सकते हैं| यह आसानी से एक डेस्कटॉप ने खरीद कर लैपटॉप खरीद पर हुए अतिरिक्त कीमत के लिए क्षतिपूर्ति कर सकता हैं| लैपटॉप का प्रयोग कर बिजली बिल नियंत्रण में रहता हैं|  अगर आपकी कंप्यूटर की आवश्यकता न्यूनतम हैं तब आपके लिए एक टेबलेट कंप्यूटर  बेहतर विकल्प हो सकता हैं|  हालांकि, लैपटॉप या कंप्यूटर का प्रयोग कई पक्ष एवं विपक्ष कारण होते हैं, काफी हद तक यह एक व्यक्तिगत पसंद का मामला भी हैं, परन्तु  बिजली की बचत के मामले में लैपटॉप और टेबलेट्स,  कंप्यूटर की तुलना में कहीं बेहतर विकल्प होते हैं|

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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