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ऊर्जा क्षमता क्या होती है और वह ऊर्जा संरक्षण से कैसे अलग है?

By on August 27, 2015

लोगों के साथ बातचीत के दौरान, हमसे अक्सर यह पूछा जाता हैं कि, “बिजली बचाओ! तो आप लोगों को यह बताते हैं कि बिजली का कैसे कम उपयोग करें और उसका कैसे संरक्षण करें”| या “आपकी वेबसाइट यह बताती हैं की सही उपकरणों को कैसे ख़रीदे और उससे किस प्रकार बिजली की बचत करें”|

हालांकि, ऊर्जा (या बिजली) को बचाने के लिए सबसे आसान तरीका  है – उसका सीमित उपयोग| लेकिन, हमारी जीवनशैली में निरंतर बदलाव हो रहा हैं, इसलिए हमे हमारे दृष्टिकोण में यथार्थवादी भी होना होगा| विकास की वृद्धि की गति के साथ, हमारी जरूरते भी बढ़ रही हैं, हमे अधिक व बेहतर उपकरणों की जरूरत पड़ रही हैं और ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ रही है| इस प्रकार, ऊर्जा को बचाने के लिए – हमे ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता, दोनों का समुचित उपयोग करना पड़ेगा| अब हम यहाँ दोनों के बीच का अंतर जानने की कोशिश करेंगे:

ऊर्जा संरक्षण से हम क्या समझते हैं?

जब भी हम किसी भी चीज़ का जरुरत के मुताबिक सीमित उपयोग करेंगे तो इसका मतलब यह है कि हम उसे संरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं| इस प्रकार, अगर हम एक मोटर वाहन के बजाय साइकिल का उपयोग करें तो, हम ईंधन संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं| अगर हम घर की बत्ती बंद कर दे और अनावश्यक रूप से उसे न चलाये, तो इसका मतलब यह है कि हम ऊर्जा संरक्षण कर रहे हैं|  इसी प्रकार अगर हम एयर कंडीशनर के तापमान में वृद्धि करते हैं, मानिये 24 डिग्री से 25 डिग्री, तो इस प्रकार भी हम ऊर्जा का संरक्षण ही कर रहे हैं|  जब हम अपने डीटीएच बॉक्स और टीवी बंद करते हैं, और उसका अनावश्यक रूप से उपयोग नहीं करते हैं, तब भी हम ऊर्जा संरक्षण ही कर रहे होते हैं|

ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा का समुचित उपयोग करने और उसका अनावश्यक रूप से उपभोग नहीं करने को कहते हैं|  इसको सफल करने के लिए उपयोगकर्ता को न केवल निरंतर सचेत प्रयास करना पड़ेगा, अपितु अपने व्यवहार में भी पर्याप्त परिवर्तन लाना पड़ेगा| ऊर्जा के उपयोगकर्ता को  भी नियमित आधार पर जागरूक रहने की आवश्यकता है, वह यह सुनिश्चित करे की ऊर्जा का इस्तेमाल केवल जरुरत के मुताबिक हो रहा है और उसका कोई अपव्यय नहीं हो रहा है| हालांकि, इस प्रयास को कामयाब करने के लिए, किसी भी प्रकार के निवेश की जरूरत अमूमन नहीं पड़ती हैं|

ऊर्जा क्षमता से हम क्या समझते हैं?

ऊर्जा क्षमता का मतलब होता है की  कोई कार्य पूर्ण करने के लिए कम ऊर्जा का प्रयोग| इसका अर्थ ऊर्जा संरक्षण के विपरीत होता हैं| जब आप एक कम ईंधन का उपयोग करने वाली कार खरीदते हैं, तो इसका मतलब आप ने एक उच्च ऊर्जा क्षमतायुक्त कार खरीदी हैं| जब आप 3 या 2 स्टार रेटेड एयर कंडीशनर, के बजाय एक 5 स्टार रेटेड एयर कंडीशनर खरीदते हैं, तब भी आप उच्च ऊर्जा क्षमतायुक्त उत्पाद खरीद रहे होते हैं| उच्च ऊर्जा क्षमतायुक्त उत्पाद से मतलब एक ही परिस्थितियों में कम बिजली का उपयोग करने वाले उपकरण से होता हैं| अगर आप उच्च तापमान पर एक 5 स्टार रेटेड एयर कंडीशनर का उपयोग करते हैं, तो उसका दुगना प्रभाव होता हैं, ऊर्जा संरक्षण के साथ अधिक ऊर्जा क्षमता|  ऊर्जा क्षमता का आपके व्यक्तिगत वित्त पर अधिक प्रभाव पड़ता है| एक कुशल उपकरण, अन्य उपकरणों की तुलना में अधिक महंगे जरूर होते हैं, परन्तु बिजली बचत के रूप में अतिरिक्त पूंजी लागत की वह भलीभांति वसूली करने में सक्षम भी होते है | हालांकि, ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए किसी भौतिक प्रयास की आवश्यकता तो नहीं होती है, परन्तु लोगों के खरीद पैटर्न में बदलाव की आवश्यकता जरूर होती है| इसमें विभिन्न उत्पादों और उनकी क्षमता के संपूर्ण ज्ञान को जानने की भी आवश्यकता होती है| लोग अगर कुशल उत्पादों की अधिक खरीद शुरू करे, तो यह उनके अधिक निर्माण को भी अवश्य बढ़ावा देगा| निर्माता भी उनका अधिक उत्पादन शुरू कर देंगे|

निष्कर्ष

दोनों ऊर्जा क्षमता और ऊर्जा संरक्षण की संकल्पना एक ही लक्ष्य पर केंद्रित हैं – ऊर्जा और पैसे की बचत| वैसे तो दोनों अवधारणाओं से ही अंतः ऊर्जा की ही बचत होती हैं| लेकिन जब किसी उपकरण में दोनों एक साथ मिलते हैं, तो पैसे और ऊर्जा की बचत दुगनी हो जाती हैं|  हालांकि, अंतिम निर्णय आपके अपने विकल्पों व चुनाव पर निर्भर करता है| दोनों का एक अच्छा मिश्रण कम निवेश के साथ- साथ उच्च बचत भी निश्चित रूप से सुनिश्चित करते हैं|

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About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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