Unbiased Information and Reviews on Appliances, Solar and Saving Electricity

क्विक कूलिंग मोड एयर कंडीशनर को जल्दी ठंडा नहीं करते हैं

By on September 24, 2015

जब भी ज्यादातर लोग गर्म मौसम में बाहर से घर के अंदर आतें हैं, वह जल्दी से बस अपने कमरे को ठंडा करना चाहते हैं। बहुत से लोग आमतौर पर कमरे में एयर कंडीशनर को तुरंत ‘क्विक कूलिंग मोड’ पर ‘ओन’  कर देते  हैं, यह सोच कर की इससे कमरा शायद जल्दी से ठंडा हो जाएगा| परन्तु क्या वास्तव में क्विक कूलिंग मोड पर चलता हुआ एयर कंडीशनर एक कमरे को बहुत शीघ्रता से ठंडा कर  पाता है? क्या एयर कंडीशनर में लगी हुई मोटर, क्विक कूलिंग मोड पर एयर कंडीशनर को ‘ओन’ करने से तेजी से चलने लगती हैं? अगर हम इसका उत्तर दे तो वास्तव, में ऐसा नहीं होता हैं। तो, फिर प्रश्न उठता हैं की हम इसे क्विक कूलिंग मोड कहते ही क्यों हैं? हम इसे क्विक कूलिंग मोड मात्र इसलिए कहते हैं, क्यूंकि इस मोड़ पर एक एयर कंडीशनर सबसे कम तापमान पर और उच्चतम पंखे की गति के साथ चलता है|

एयर कंडीशनर ठंडा करने की क्षमता के अनुरूप डिज़ाइन किये जाते हैं

हम जब भी एयर कंडीशनर को  खरीदने जाते हैं, तो हम उसके टनभार को जरूर देखते हैं| एयर कंडीशनर का टनभार को BTU (बीटीयू) / घंटा या प्रति घंटे ब्रिटिश थर्मल इकाइयों में प्रतिनिधित्व किया जाता हैं| BTU गर्मी का माप होता हैं और टनभार एक घंटे में कमरे से गर्मी की एक निश्चित मात्रा को दूर करने की क्षमता को कहते है। जब तक आप एक इनवर्टर प्रौद्योगिकी एयर कंडीशनर को ना खरीद ले, एयर कंडीशनर के टनभार में कोई बदलाव नहीं आता हैं|  एयर कंडीशनर की गर्मी को हटाने की दर भी नहीं बदलती हैं| तो इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की चाहे एयर कंडीशनर पर कोई भी सेटिंग हो, एयर कंडीशनर के कमरे से गर्मी निकासी की दर समान ही रहती हैं|

ठंडा करने की प्रक्रिया में थर्मोस्टेट की भूमिका

एयर कंडीशनर का थर्मोस्टेट यह सुनिश्चित करता है की, जब कमरे का तापमान एक निश्चित स्तर पर पहुँच जाता हैं, तब एयर कंडीशनर का कंप्रेसर अपने आप बन्द हो जाएं| तो हम यह कह सकते हैं, जब एक एयर कंडीशनर कमरे से एक निश्चित दर से गर्मी दूर रहा हो, और कमरे का तापमान भी एक निश्चित स्तर पर पहुँच गया हो, थर्मोस्टेट कंप्रेसर को अपने आप स्वतः बन्द कर दे, ताकि इसके उपरांत कोई अतिरिक्त ठंडक न हो पाएं| थर्मोस्टेट कमरे के तापमान को नियमित नियंत्रण में रखता हैं, और जैसे की कमरे का तापमान वांछित स्तर से ऊपर पहुँच जाता है,  तो यह फिर से कंप्रेसर को स्विच ओन कर देता हैं, जिससे कमरा न केवल फिर से ठंडा हो जाएं, बल्कि कमरे का तापमान  भी वांछित स्तर पर बना रहे|

सामान्य मोड बनाम क्विक कूलिंग मोड

सामान्य मोड और क्विक कूलिंग मोड के बीच महत्वपूर्ण अंतर होता हैं – एयर कंडीशनर के तापमान की ‘सेटिंग’ और पंखे की गति का नियंत्रण| कंप्रेसर समान दर से कमरे की गर्मी को दूर कर, उसी गति से बिना किसी रुकावट के बिना चलता रहता है (कंप्रेसर की गति उसके टनभार पर आधारित होती हैं)| हम जब भी एयर कंडीशनर को क्विक मोड पर सेट करते हैं, तो यह थोड़ा अतिरिक्त काम करता है  (या कहे की यह अतिरिक्त बिजली की खपत करता है), ताकि कमरे का तापमान कम स्तर पर सेट हो जाएं| परन्तु, यह काम यह बहुत तेजी से कतई नहीं करता हैं, एयर कंडीशनर जितना समय 16 डिग्री तापमान तक पहुंचने के लिए लेता हैं, (सेटिंग के क्विक मोड में होने के बावजूद) यह किसी भी मोड से 24 डिग्री तापमान (सामान्य मोड कमरे का आदर्श तापमान) तक पहुंचने की समय तुलना में हमेशा अधिक ही  होता है|

क्यों ऐसा लगता हैं मानो क्विक कूलिंग मोड जल्दी ठंडा कर रहा हैं?

यह सब मन के कुछ वहम मात्र ही होता है। अधिकांश एयर कंडीशनर कटऑफ स्तर तक पहुँचने (थर्मोस्टेट में सेट तापमान) 4-5  मिनट का समय लगाते ही है, वह भी तब जब एयर कंडीशनर ठीक से आकार में हो| एयर कंडीशनर 24 डिग्री से 16 डिग्री तक तापमान पहुँचाने में कुछ ही मिनटों का वास्तविक समय लेते हैं| हमे भी ऐसा लगता हैं की मानो एयर कंडीशनर को क्विक कूलिंग मोड में चला कर हमने कमरे को जल्दी ठंडा कर लिया|  क्विक कूलिंग मोड में हमे जो अधिक ठंडक का एहसास ज्यादा इस कारण लगता हैं, वह इस मोड में एयर कंडीशनर में लगे पंखो की तेज गति से ही लगता हैं|

एयर कंडीशनर को क्विक कूलिंग मोड में स्थापित करने से सामान्य (आदर्श) मोड (जिस पर  एयर कंडीशनर 24 डिग्री तापमान स्थापित करता हैं) के मुकाबले बहुत अधिक बिजली की खपत करता हैं|  इस प्रकार अगर आप अधिक  बिजली के बिल के बारे में चिंतित हैं, तो बेहतर हैं की आप क्विक कूलिंग मोड का वर्जन (परहेज) ही करें और नियमित परिस्थितियो में एयर कंडीशनर को सामान्य मोड में ही चलायें|

भारत में सबसे अच्छा एयर कंडीशनर खरीदने के लिए यहां एक लघु वीडियो के माध्यम से कुछ सुझाव प्रस्तुत है|

 

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

Top