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छत के पंखे के ब्लेड कोण बिजली की खपत को प्रभावित करते हैं

By on September 24, 2015

आपके घर या कार्यालय में कुछ छत पंखे अवश्य ही लगे होंगे, या तो आप खुद ही इनकी सफाई करते होंगे या फिर उसकी नियमित रूप से साफ करने के लिए आप अपनी कामवाली बाई से सफाई करवाते होंगे| अच्छा और साफ पंखे को देखना निश्चित रूप से एक सुखमय एहसास होता हैं, परन्तु क्या आपने कभी सोचा की इस प्रक्रिया में कही आपने गलती से अज्ञानतावश पंखे के ब्लेड के कोण को अस्त-व्यस्त या उससे कही कुछ छेद-छाड़ तो नहीं कर दी? हाल ही में घर पर हमारे आगमन के दौरान हमने पाया की छत पंखे के ब्लेड के कोण  पूरी तरह से अस्त-व्यस्त थे (जैसा की नीचे छवि में भी दिखाया गया है), जब हमने इसका कारण पूछा तो पाया की घर की कामवाली बाई क्यूंकि सफाई करने के लिए मुश्किल से छत पंखे के ब्लेड तक पहुंच पा रही थी, इसलिए सफाई करने के लिए उसने छत पंखे के ब्लेड को ही नीचे खींच दिया, जिस कारण छत पंखे के ब्लेड पूरी तरह से एक तरफ झुख गए| हालांकि, यह एक अत्यंत ही अनोखा मामला था, और  छत पंखे के ब्लेड भी निश्चित रूप से अच्छे तो नहीं लग़ रहे थे| लेकिन क्या उनका ऐसे अस्त-व्यस्त  होना बिजली की खपत को भी प्रभावित करते हैं? इसका जवाब है, “हाँ” और कैसे करते हैं, आइये इस लेख में इस विषय पर आगे चर्चा करते हैं।

एक छत पंखा कैसे काम करता है?

छत पंखा की असेंबली अत्यंत साधारण होती हैं| इसके मध्य में (केंद्र में) एक मोटर होती हैं, जो ‘ओन’ करने पर ब्लेड को घुमाती हैं| ब्लेड एक निश्चित  गति पर घूमता है और हवा को नीचे की तरफ धकेलता हैं| ब्लेड की गति एक पतवार या चप्पू की तरह होती है| चप्पू का  प्रयोग एक नाविक द्वारा नाव को पंक्ति में रखने के लिए किया जाता है। जैसे की चप्पू, पानी को विस्थापित कर नाव को आगे बढ़ाने में मदद करता हैं, उसी प्रकार पंखे के ब्लेड भी हवा को नीचे की तरफ धकेलते हैं, जिससे एक छत पंखा  आपको हवा दे पता हैं| जैसे की कोई भी व्यक्ति जो नाव नौकायन में विशेषज्ञ हो, आपको बताएगा सर्वश्रेष्ठ क्षमता (कम से कम प्रयास और अधिक गति के साथ), पतवार को एक विशेष कोण पर इस्तेमाल करने पर ही प्राप्त होती हैं| उसी तरह छत के पंखे की दक्षता, उसे तब प्राप्त होती हैं, जब पंखे के ब्लेड 10-12 डिग्री के कोण पर होते है| ज्यादातर निर्माता एक छत पंखा डिज़ाइन करते समय इन कारकों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हैं| परन्तु, हमे जरूर यह ध्यान में रखना हैं की हम उपयोग करते हुए यह जरूर यह सुनिश्चित करें की हम किसी भी प्रकार की अज्ञानतावश कही पंखे के ब्लेड के कोण को अस्त-व्यस्त न कर दे| पतवार की तरह, जब छत के पंखे के कोण कम होते है, तो उन्हें इस्तेमाल करने में आपका प्रयास निश्चित रूप से कम हो जाएगा, परन्तु इसका प्रतिकूल असर यह होता हैं, की आपके पंखे की गति भी इस कारणवश कम ही रहेगी| छत के पंखे अगर ‘फ्लैट’ होंगे, तब वह हवाई जहाज के पंखों के ब्लेड की तरह ही होंगे जो सहजता से हवाई जहाज को उड़ने में सहायता प्रदान करने के लिए हवा को काटने का काम करते हैं|  वही इसके विपरीत अगर छत के पंखे के कोण बड़े होते हैं, तो यह बहुत शोर करेंगे और इन्हे चलाने में अधिक बिजली की जरूरत भी पड़ेगी| इस परिस्थिति में कुछ वैसे ही होगा, जैसे आप एक पतवार को ‘फ्लैट’ (सपाट) पकड़ कर, नाव चलाने की कोशिश करें, जाहिर हैं आपको अधिक प्रयास करना पड़ेगा|

आपको पंखो के ब्लेड में मिश्रण कभी नहीं करना चाहिए

विभिन्न पंखो के ब्लेड अलग-अलग डिजाइन के होते हैं, और वे एक विशिष्ट असेंबली में संचालित होने के लिए बनाये जाते हैं, या कहे की वह नियमित रूप से काम करने के लिए इस प्रकार अनुकूलित होते हैं| हम आमतौर पर यह देखते हैं की ‘जुगाड़’ के नाम पर कुछ लोग एक अलग मशीन के लिए बिना पंखे के डिजाइन एवं विशिष्ट असेंबली का ध्यान रखे, पंखो में अलग प्रकार के ब्लेड को संलग्न कर देते हैं|  यह ब्लेड दूसरे पंखो के होते हैं, हम अनुरोध करते हैं की कृपया ऐसा न करें| हर ब्लेड को एक विशिष्ट पंखे के  डिजाइन और असेंबली के आधार पर ही बनाया जाता हैं, ऐसा करने से न केवल पंखे का आंतरिक संतुलन गड़बड़ होता हैं, अपितु इस कारण बिजली की खपत में भी भारी वृद्धि हो सकती है।

तो आपको क्या करने की जरूरत है?

जब भी आप छत पंखे को साफ करते हैं, तो यह अवश्य सुनिश्चित करें कि छत पंखे के ब्लेड, आप कही कस के न खींच दे, इससे छत पंखे के ब्लेड के कोण पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाते हैं जिससे छत पंखे की गति में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं|  इसके अलावा यह भी ध्यान दे की संतुलन की दृष्टि से ब्लेड एक ही प्रकार, आकार और कोण के हो, जिससे वह अधिक बिजली का उपभोग भी न करें और बिना किसी गड़बड़ी से एक निश्चित गति या प्रवाह से चलते रहे|

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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