Unbiased Information and Reviews on Appliances, Solar and Saving Electricity

दोषपूर्ण बिजली मीटर-समाधान के लिए आप क्या कर सकते हैं?

By on August 28, 2015

बिजली मीटर किसी भी अन्य डिवाइस या उपकरण की तरह, कभी भी दोषपूर्ण हो सकते हैं| यद्यपि, इसका मतलब यह नहीं है कि वे ही उच्च बिजली के बिल का एकमात्र कारण होते हैं, लेकिन निश्चित रूप से वे एक प्रमुख कारण जरूर हो सकते हैं| आपका बिजली मीटर दोषपूर्ण हैं की नहीं, इसका पता लगाने के लिए पहला काम आप यह करें, कि अपने बिजली के बिल को मान्य करने के लिए हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध कुछ दिशा निर्देशों का उपयोग करें और अगर यह पाया जाता है कि आपका बिजली मीटर दोषपूर्ण है, तो फिर आपको कुछ सुधारात्मक उपाय लेने की जरूर आवश्यकता हैं। इस लेख के माध्यम से हम यह समझाने की कोशिश करेंगे की आप ऐसी परिस्थिति में क्या-क्या कर सकते हैं, जिससे आप वापस सामान्य स्थिति प्राप्त कर सकें|

पहला कदम

जैसे ही आपको यह पता चले की आपका बिजली मीटर दोषपूर्ण है, आपको सर्वप्रथम अपने बिजली वितरण कंपनी को सूचित करना चाहिए| मीटर या तो उपभोक्ता या बिजली वितरण कंपनी से संबंधित हो सकता है, लेकिन इसे बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी बिजली वितरण कंपनी की ही होती हैं| वास्तव में सीईआरसी (केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग) के नियमों के अनुसार, बिजली वितरण कंपनियों को हर पाँच साल में, एक बार बिजली मीटर का परीक्षण करना चाहिए और उसकी लागत भी कंपनी द्वारा ही वहन की जाती है। हालांकि, सीईआरसी नियमों के तहत मीटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राहक के साथ निहित होती है।

अगर आप अपने मीटर की सटीकता की पुष्टि करना चाहते हैं तो, आप बिजली वितरण कंपनी को एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। कुछ बिजली वितरण कंपनियों के लिए ऐसे आवेदन करने के लिए अतिरिक्त शुल्क होता है| यह मीटर वितरण कंपनी या किसी भी अन्य अधिकृत प्रयोगशाला (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिकृत प्रयोगशाला) की प्रयोगशाला में परीक्षण किये जातें हैं| इन मीटरों का परीक्षण कुछ महीनों के भीतर किया जाना चाहिए है (जैसे महाराष्ट्र में २ महीने के भीतर) और उपभोक्ता उसकी रिपोर्ट की एक प्रति का अनुरोध कर सकते हैं।

अगर आपकी समस्या का सही समय पर निदान न हो तब आप क्या करें?

आपने एक आवेदन किया है, परन्तु आपके मीटर का परीक्षण नहीं किया गया हैं, या किसी ने भी आपकी शिकायत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हैं, या आपको रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुईं हैं या अभी भी आप पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं| ऐसी किसी भी हालत में आपको अपनी शिकायत को वितरण कंपनी के उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम पर दर्ज़ करानी चाहिए| हर वितरण कंपनी में सभी उपभोक्ता शिकायतों को संभालने के लिए एक समर्पित विभाग/फोरम होता है, जो की उपभोक्ताओ की शिकायत के संपूर्ण निवारण के लिए ही बना होता है| आप अगर अभी भी शिकायत निवारण मंच की प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप इसके उपरांत हमेशा राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा नियुक्त राज्य विद्युत लोकपाल के पास जा सकते हैं| लोकपाल के पास वह सभी समुचित अधिकार होते है, जिसके द्वारा वह आपकी बिजली वितरण कंपनियों के साथ, आपके विवादों को निष्पक्ष तरीके से हल कर सकते हैं।

अगर आपको लगता है की मीटर दोषपूर्ण है, तो तुरंत सूचित करें

अगर मीटर दोषपूर्ण पाया जाता है तो ज्यादातर मामलों में वितरण कंपनियां केवल पिछले कुछ महीनों के बिलों का ही समायोजन करते हैं – (जैसे महाराष्ट्र में ३ महीने)। इसलिए यह महत्वपूर्ण है, की मीटर के दोषपूर्ण होने के पड़ताल हो जाने के उपरांत आप जल्दी से इसका समुचित निदान करें| इसी तरह बिजली वितरण कंपनियां भी केवल कुछ महीनों (जैसे महाराष्ट्र में ३ महीने) का ही बिल वसूली कर सकते हैं। इसलिए अगर आपका मीटर गलत रीडिंग दे रहा हो तो आप तुरंत उसका परीक्षण कराये और लंबे समय के लिए इंतजार नहीं करें।

मीटर किसी भी तरह से गलत हो सकता है

मीटर तेजी एवं धीमी गति से चलते है, इसलिए अगर यह पाया जाता है की मीटर धीमी गति से चल रहा हैं, तो अतिरिक्त राशि का भुगतान उपभोक्ता द्वारा ही करना होगा| यहाँ यह नोट करना महत्वपूर्ण है; की अगर आपके मीटर बहुत पुराने मैकेनिकल मीटर है तो इसकी अधिक संभावना हैं की वह धीरे ही चले| काफी लोग यह शिकायत करते हैं की जबसे उनके पुराने मैकेनिकल मीटर, इलेक्ट्रॉनिक मीटर में तब्दील हुए हैं, उनके बिजली के बिल उच्च हो गए हैं| लेकिन इस मामले का सही तथ्य यह है कि, पुराने मैकेनिकल मीटर धीमी गति के ही होते हैं, और जब भी वे नए इलेक्ट्रॉनिक मीटर के साथ प्रतिस्थापित होते हैं, लोगो को तुलना में अधिक बिजली के बिल प्राप्त होते हैं| यह इस कारण होता है, की नए इलेक्ट्रॉनिक मीटर सही रीडिंग ही दिखाते हैं| इसलिए, अगर आपके बिजली मीटर सही नहीं है तो आप सुधारात्मक उपाय शीघ्र ले।

सन्दर्भ

http://powermin.nic.in/whats_new/pdf/Metering_Regulations.pdf

http://www.prayaspune.org/peg/media/k2/attachments/consumer_guide_english_112A01.pdf

About the Author:
.

Top