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एयर कंडीशनर और अन्य ज़्यादा बिजली खपत उपकरणों का सोलर पीवी पर इस्तेमाल

By on August 27, 2015

निर्विराम बढ़ता बिजली टैरिफ, और बढ़ती बिजली कटौती के साथ, तथा सोलर पैनल की घटती कीमतों की वजह से, अधिक लोगों की सोलर अनुप्रयोगों के प्रति रुचि निरंतर बढ़ रही हैं| विगत कुछ महीने से हमने हमारी वेबसाइट पर सोलर प्रौद्योगिकी पर कई अनुसंधान प्रकाशित किये हैं|  और तब से हमे सोलर पीवी और अन्य सोलर प्रौद्योगिकी पर सैकड़ों प्रश्न भी प्राप्त हुए हैं|  एक बहुत ही आम बात हमने देखी है की लोग सोलर पीवी का उपयोग कर एयर कंडीशनर, पानी पंप या हीटर चलाने में ज्यादा रूचि रखते हैं| इसका मुख्य कारण यह है कि, यह उपकरण काफी बिजली खपत करते हैं| इस प्रकार अपने प्रयोग के लिए, सोलर पीवी लगते वक़्त, हमे विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं| इस लेख के माध्यम से, हम कुछ सोलर पीवी संबंधित चुनिंदा चुनौतियों और उनके समाधान पर प्रकाश डालना चाहते हैं| हम यह भी अनुरोध करेंगे की हमारा यह लेख पड़ने से पहले आप एक बार हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित लेख जैसे – सोलर बिजली, सोलर तापीय, विद्युत  उत्पादन, इनवर्टर, ग्रिड, ऑफ ग्रिड: भ्रान्तियो का समाशोधन को जरूर पढ़ें|

ज़्यादा वाट क्षमता और ज़्यादा प्रारंभिक करंट   

एयर कंडीशनर और वॉटर हीटर ज़्यादा वाट क्षमता के उपकरण होते हैं| जब एक एयर कंडीशनर का कंप्रेसर चल रहा होता है तब उसे ज़्यादा विद्युत प्रवाह की जरुरत पड़ती हैं|  नीचे कुछ वाट क्षमता सैंपल के रूप में,  एयर कंडीशनर के आकार के आधार पर अंकित हैं:

टनभार अधिकतम वाट क्षमता अधिकतम kVA (शक्ति कारक को 0.75 मानते हुए)
1 टन 1300 वाट्स और 1.3 kW 1.6 kVA
1.5 टन 1900 वाट्स और 1.9 kW 2.4 kVA
2 टन 2500 वाट्स और 2.5 kW 3 kVA

यहाँ वाट क्षमता तात्कालिक बिजली की मांग होती है, तब जब एयर कंडीशनर के सभी घटक सुचारू रूप से चल रहे होते हैं| लेकिन वाट क्षमता एयर कंडीशनर के चलने के दौरान बदलता भी रहता है, क्यूंकि जब कमरे का तापमान थर्मोस्टेट द्वारा सेट निर्धारित स्तर तक पहुँच जाता है, तब कंप्रेसर बंद हो जाता हैं| उस वक़्त बिजली की खपत केवल कुछ ही घटकों के लिए ही होती हैं, इसलिए उस समय पर एयर कंडीशनर बहुत कम बिजली खपत करता हैं| इसके अलावा ऊर्जा की प्रारंभिक जरुरत भी ज्यादा होती हैं|

इसी प्रकार बिजली पानी हीटर के लिए आवश्यक वाट क्षमता की दर 2-4 किलोवाट या 2000-4000 वाट होती हैं| पर पानी एक निश्चित तापमान तक ही गर्म किया जाता है, और वाटर हीटर तभी तक चलता है जब तक पानी का तापमान थर्मोस्टेट पर सेट किये हुए तापमान तक नहीं पहुँच जाता|

एक सोलर विद्युत उत्पादन प्रणाली से जुड़े एयर कंडीशनर या पानी के हीटर में ज़्यादा भार संभालने के लिए एक सक्षम इनवर्टर की भी अत्यंत आवश्यकता होती हैं| इतने भारी वाट क्षमता को नियंत्रण करने के लिए अमूमन एक 3 से 5 केवीए प्रणाली के इनवर्टर की जरुरत पड़ती हैं| घर में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले इनवर्टर कम केवीए प्रणाली के होते हैं| वह इतने भारी भार को संभालने में सक्षम नहीं होते हैं|  इसके अलावा लोग यह भी चाहेंगे की घर के अन्य उपकरण भी इनवर्टर से चले, न केवल सिर्फ एयर कंडीशनर| अन्य उपकरणों के चलने से इस प्रणाली का समग्र आकार क्षमता (आवश्यक केवीए क्षमता) में भी बढ़ोतरी हो जाती हैं|

ज़्यादा ऊर्जा उपयोग

ज़्यादा बिजली के साथ एक एयर कंडीशनर काफी ऊर्जा का भी सेवन करता हैं| एक कमरे में एसी के टन भार और गर्मी लोड के आधार पर एक एयर कंडीशनर, एक घंटे में लगभग 1 से 2  बिजली इकाइयों की खपत करता हैं| एक किलोवाट सोलर पीवी पैनल दिन में लगभग 5 से 7 बिजली इकाइयों का उत्पादन करता हैं, जो की लगभग 4-5 घंटे के एयर कंडीशनर के निरंतर उपयोग में ही खत्म हो जाता है| लेकिन अगर हम इस सेटअप में अन्य उपकरणों को भी शामिल कर ले तो हमारी कुल ऊर्जा जरूरते काफी बढ़ जाती है, और इसके साथ अगर हम एयर कंडीशनर का भी अधिक उपयोग करते हैं, तब फलस्वरूप हमे आवश्यक सोलर पैनल की किलोवाट क्षमता और बैटरी भंडारण आकार में भी समुचित वृद्धि करनी पड़ेगी| जो अंतः हमारे कुल ऊर्जा उपयोग को ही बढ़ाएगा|

ज़्यादा लागत

ज़्यादा ऊर्जा का उपयोग करने के कारण सोलर पैनल भी ज़्यादा लगते हैं और निश्चित रूप से बहुत ही ज़्यादा लागत के होते हैं| अब सवाल उत्पन्न होता हैं की यह सब कितने ज़्यादा लागत के होते हैं? इसका उत्तर आपके एयर कंडीशनर के आकार और उसके उपयोग पर निर्भर करता है| सोलर प्रणाली में सोलर पैनलों, प्रभारी नियंत्रकों, बैटरी और इन्वर्टर शामिल होते हैं| जैसा की हमने अपने पिछले लेख में भी लिखा हैं, की भारत में एक  सोलर पैनल का मूल्य प्रति वाट लगभग 35-55 रुपये के बीच होता हैं| तो एक किलोवाट पैनलों (सिर्फ पैनल) का मूल्य 35000 से 55000 रुपये के बीच आता हैं| तो अगर आप एसी का अधिक उपयोग (अर्थार्त 4-5 घंटे) कर रहे हैं, तो आपको अधिक किलोवाट पैनलों की आवश्यकता पड़ेगी| इसका अर्थ यह होगा की आपको भंडारण के लिए अधिक बैटरीयो की भी  आवश्यकता पड़ेगी| यह सब मिलकर आपकी कुल आवश्यक अतिरिक्त लागत को बढ़ाएंगे| यहां तक ​​की 3.5 केवीए का भार संभालने वाले इनवर्टर का भी अतिरिक्त मूल्य होगा, वह अकेले ही 1.5 लाख रुपये की लागत के पड़ते हैं| कुल मिलाकर पूरी सोलर प्रणाली से मात्र एक टन एसी, वह भी सिर्फ 4 से 5 घंटे चलाने के लिए लगभग 2 से 3 लाख रुपए का खर्च करना पड़ेगा|

क्या पीवी एयर कंडीशनर के लिए अच्छी तकनीक है?

यह ज़रूरी नहीं हैं| हमने ऊपर वर्णित लेख में, सोलर थर्मल और सोलर पीवी प्रौद्योगिकी के बीच के अंतर की तुलना, गहराई से की हैं| सोलर पीवी प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण, सोलर थर्मल प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण की तुलना में बहुत कम क्षमता रखते हैं|  बाजार में उपलब्ध कुछ एयर कंडीशनर हैं, जो सोलर ऊर्जा आधारित हैं| आप अधिक जानकारी हमारे लेख – सोलर ऊर्जा आधारित एयर कंडीशनर: सूर्य की प्रचुर ऊर्जा का समुचित उपयोग, में पा सकते हैं| हालांकि, सोलर ऊर्जा आधारित एयर कंडीशनर की अपनी कुछ कुछ सीमाएं होती हैं, जैसे की रात्रि के वक़्त इनकी दक्षता संदिग्ध होती हैं| लेकिन अगर बिजली के बिल को कम करना की आपका प्रमुख उद्देश्य हैं तब सोलर एयर कंडीशनर, सोलर पीवी की तुलना में कही बेहतर विकल्प सिद्ध होते हैं| हम हमारे अनुसंधान में मिली सूचना के अनुसार, यह कह सकते हैं की सोलर थर्मल सिद्धांतों के आधार पर काम कर रहे एयर कंडीशनर बाजार में कुशल बिजली एयर कंडीशनरों की तुलना में, लागत के नजरिए से भी काफी प्रभावी हैं|

क्या सोलर वॉटर हीटर, पीवी वॉटर हीटर की तुलना में पानी को गर्म करने के लिए बेहतर विकल्प होते हैं?

सोलर पीवी आधारित वॉटर हीटर को पानी गर्म करने के लिए कभी भी चुनना नहीं चाहिए| क्यूंकि पानी गर्म करने में हम सोलर पीवी आधारित प्रणाली का कुशल उपयोग नहीं कर सकते हैं| सोलर वॉटर हीटर, पीवी वॉटर हीटर की तुलना में पानी को गर्म करने के लिए बेहतर विकल्प होते हैं| हमने अपने पिछले एक लेख में भी इस पर चर्चा भी की है (लिंक)| सोलर वॉटर हीटर, निश्चित रूप से पानी को गर्म करने के लिए, एक बेहतर और किफायती समाधान प्रस्तुत करते हैं|

निष्कर्ष

निष्कर्ष निकालने के लिए हम यह कह सकते हैं की अगर आपके यहाँ अधिक बिजली कटौती होती हैं और ज़्यादा लागत भी आपके लिए कोई बाधा नहीं है, तो आपको एयर कंडीशनर चलाने के लिए, सोलर पीवी आधारित प्रणाली के बारे में सोच सकते हैं| लेकिन अगर, बिजली की बचत आपकी प्राथमिक चिंता है, तो इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि आपको सिर्फ सोलर एयर कंडीशनर का ही चुनाव करना चाहिए|

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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