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एक मोबाइल फोन, चार्ज होने के लिए बिजली का कितना उपभोग करता है?

By on August 28, 2015

भारत में दूरसंचार उद्योग में क्रांति आने के बाद लगभग आधे से अधिक जनसंख्या के पास मोबाइल फोन आ गया है| इसलिए, यह कहना  कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी की यह निश्चित रूप से दूरसंचार व्यापार-उत्कर्ष का भारतीय जनमानस पर एक महान प्रभाव है (स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस)| देश में हर दूसरे व्यक्ति के पास एक मोबाइल फोन है,  और यह प्रवृत्ति निरन्तर बढ़ रही है। हमे मालूम हैं की मोबाइल फोन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया हैं,  इसलिए हमने सोचा, क्यों न हम एक परीक्षण यह जानने के लिए करें की सामान्य परिस्थिति में यह कितनी बिजली का उपभोग करता है| जब हमने बिजली की खपत को मापने के लिए मोबाइल चार्जर को लगाया और अपने डिवाइस द्वारा उसे मापा, तो हमने पाया की मोबाइल फोन तो चार्ज होने लगता हैं,  परन्तु बिजली मापने वाला डिवाइस का काउंटर एक भी इकाई नहीं बढ़ा|

तो एक मोबाइल चार्जर कितनी बिजली का उपभोग करता है?

एक नियमित मोबाइल फोन चार्जर लगभग 3-7 वाट के बीच में ऊर्जा की खपत करता हैं (स्रोत: लॉरेंस बर्कले लैब)|  इसका मतलब है, आपका फोन चार्ज होने के लिए दो घंटे में मात्र 0.006 – 0.014 बिजली इकाइयों की खपत करेगा,  अर्थार्त पूरे साल में यह केवल 2-5 वाट बिजली इकाइयों का ही खर्च करेगा|

लेकिन क्या आप केवल  दो घंटे के लिए ही मोबाइल फोन चार्ज करने के लिया लगाते हैं? या फिर आप रात-भर इसे चार्ज करते रहते हो? लॉरेंस बर्कले लैब द्वारा अनुसंधान के अनुसार, अगर आप पूरी तरह से चार्ज मोबाइल फोन को भी चार्ज पर रखते हैं, तब भी वह लगभग उतनी ही (2-5 वाट) बिजली की खपत करता हैं| हालांकि, यह खपत एक व्यक्तिगत संदर्भ में नगण्य से है, लेकिन अगर हम देश के सभी लोगों द्वारा मोबाइल फोन रखने की कुल संख्या को जोड़ दे, तो हिसाब लगाने पर हम एक बड़ी बिजली खपत के तरफ इशारा कर रहे होंगे| हालांकि, इसे काफी हद तक टाला तो नहीं जा सकता है, क्यूंकि विकल्प मात्र सुविधा और एक छोटे से अपव्यय के बीच का ही है।

क्या चार्जर्स के विभिन्न प्रकारों के लिए, दक्षता स्तर भी अलग-अलग होती हैं?

सही मायने में हाँ| मोबाइल फोन चार्जर के साथ ही कई अन्य बैटरी चार्जरों में भी ट्रांसफॉर्मर होते हैं, जो एसी करंट को डीसी करंट में परिवर्तित कर देते है। ट्रांसफॉर्मर,  न केवल बिजली में परिवर्तिn करते हैं बल्कि वे उसका उपभोग भी करते हैं| वे बिजली का उपयोग करने में 50-90% क्षमता रखते है (स्रोत: EPRI)। वास्तव में वे बिजली की खपत तब भी करते हैं जब सेल फोन चार्जर से जुड़ा नहीं होता है, और मात्र केवल स्विच ही ओन होता है।

कई विकसित देशों में बैटरी चार्जरों की क्षमता के लिए निर्धारित मानक तय हैं| इसलिए, कंपनियों से उत्पादों के साथ आएं बैटरी चार्जर उन मानकों का अनुपालन करते हैं| इस प्रकार, मूल कारखाने के बने एडेप्टर की तुलना में, विभिन्न मोबाइल उपकरणों के लिए बिकने वाले यूनिवर्सल एडेप्टर या अलग से उपलब्ध अन्य एडेप्टर बहुत कम कुशल होते हैं।

अक्षम चार्जर का संकेत है, कि वह जल्दी गर्म हो जाता है। इसलिए, जब किसी कारणवश अगर  आप एक चार्जर खरीदने का निर्णय कर ले, तो यह जरूर सुनिश्चित करें की चार्जर अच्छी गुणवत्ता का हो और जल्दी गर्म भी नहीं हो रहा हो| अगर वह कम समय में ही गर्म हो रहा हैं, तो इसका सीधा अर्थ है की वह बिजली की अधिक खपत करेगा|

तो अंत में हम यह कह सकते हैं, की एक मोबाइल फोन चार्जर न सिर्फ अपेक्षाकृत कम खर्चीला  होता है, बल्कि आपके बिजली के बिल में भी बहुत कम योगदान देता है। लेकिन फिर भी कुछ चीज़े हैं जो आप देश के लिए और बिजली बचाने हेतु कर सकते हैं:

1. मोबाइल फोन के चार्ज हो जाने पर प्लग बिंदु से मोबाइल चार्जर को बंद कर दे|

2. चार्ज हो जाने के बाद सेल फोन को ज्यादा देर, चार्जिंग के लिए अनावश्यक रूप से न लगाये|

3. बाजार में उपलब्ध अन-ब्रांडेड चार्जर्स से बचने की कोशिश करें। यह जरूर सुनिश्चित करें, की चार्जिंग पर लगाने पर वह जल्दी गर्म तो नहीं हो रहे हैं|

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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