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अत्यधिक प्रकाश, प्रकाश प्रदूषण की उत्पत्ति करता हैं

By on September 2, 2015

हमारी हाल की एक  शॉपिंग मॉल यात्रा में जब हमने पाया की वहां पार्किंग में प्रकाश व्यवस्था में सबसे अधिक ऊर्जा कुशल टी5  ट्यूब लाइट्स  का उपयोग हो रहा हैं, तब हमे काफी संतोष और प्रसन्ता की अनुभूति हुई| हालांकि, हमारा यह संतोष मात्र कुछ क्षणों के लिए ही था, जैसे ही हमने इस बात पर गौर किया की यह टी5  ट्यूब लाइट्स न केवल आवश्यक से अधिक हैं, अपितु एक दूसरे के इतने करीब रखे गए हैं, की वह अत्यधिक प्रकाश उत्पन्न कर रहे हैं, इस एहसास ने हमारी खुशी को जल्द ही गायब कर दिया| हमे ऐसा लगा मानो हम कुशल विकल्प के लाभो को उसी के अनुचित प्रयोग द्वारा कही नष्ट (ऑफसेट) तो नहीं कर रहे हैं|  इस घटना ने हमे यह भी सोचने पर मज़बूर कर दिया कही, अत्यधिक प्रकाश प्रकाश प्रदूषण की उत्पत्ति तो नहीं करता हैं? और हमारे आश्चर्य से, हमे वास्तव में थोड़ा शोध करने से प्रकाश प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में काफी कुछ पता चला। उसी से संबंधित कुछ तथ्यों को हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं|

प्रकाश प्रदूषण वास्तव में क्या होता है?

प्रकाश प्रदूषण या ‘लुमिनस’ प्रदूषण, अत्यधिक या कृत्रिम प्रकाश के कारण होता है (स्रोत: विकिपीडिया)। प्रकाश प्रदूषण तब भी होता है, जब कृत्रिम प्रकाश जहां आवश्यक नहीं है, वैसे क्षेत्रों में भी उत्सर्जित होता है| आउटडोर प्रकाश जो ऊपर आकाश की तरफ होता हैं या फिर क्षैतिज सतह से इतर प्रकाश डालता हैं, वह अमूमन प्रकाश का व्यय ही कर रहा होता हैं| प्रकाश प्रदूषण वास्तव में ऐसे ही उत्पन्न होता हैं| जो उपकरण जमीन के बजाय, अन्य जगह जैसे पास का क्षेत्र, खिड़की वगैरह में  प्रकाश को केंद्रित करता हैं, वह वास्तव में प्रकाश का व्यय करता हैं और प्रकाश प्रदूषण का कारण बनता हैं|

अत्यधिक प्रकाश मानव स्वास्थ्य को हानिकारक रूप से प्रभावित भी कर सकता है, घर के अंदर अत्यधिक और वेवजह तेज प्रकाश, प्रकाश प्रदूषण का एक प्रमुख कारण होता हैं| मानव स्वास्थ्य पर पड़ते प्रकाश प्रदूषण के प्रभाव के बारे में अधिक विवरण अमेरिकी राष्ट्रीय मेडिसिन पुस्तकालय के इस लिंक पर उपलब्ध हैं – http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2627884/

प्रकाश प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव

  • पहला और सबसे स्पष्ट प्रकाश प्रदूषण का कुप्रभाव – बिजली या ऊर्जा की बर्बादी होती है| अगर हम आवश्यक न्यूनतम वाट क्षमता के साथ प्रकाश की उचित मात्रा का ही उपयोग करें, तो बिजली के अनावश्यक अपव्यय को बचाया जा सकता है। एक कमरे के लिए कितना प्रकाश अच्छा एवं आवश्यक होता हैं, यह जानने के लिए, कृपया हमारे लेख – एक कमरे के लिए कितनी प्रकाश व्यवस्था उपयुक्त होती है? को पढ़े और अधिक जानकारी प्राप्त करें|
  • बाहरी क्षेत्रों में अत्यधिक प्रकाश बहुत अनावश्यक चमक, जिसे ‘ग्लारे’ भी कहते हैं, को उत्पन्न करती हैं, जिस कारण सड़कों पर ड्राइवरों और पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती हैं| आखों पर पड़ती तेज रौशनी के कारण दृश्यता तो प्रभावित होती ही हैं, यह एक असुरक्षित ड्राइविंग की स्थिति भी पैदा करती हैं, जैसे सामने से आ रही तेज रौशनी कार ड्राइवर के समक्ष स्पष्ट दृष्टि नहीं प्रस्तुत करती हैं, अतः यह एक दुर्घटना का कारण भी बन सकती हैं|
  • प्रकाश प्रदूषण ‘इकोसिस्टम’ के लिए व्यवधान का कारण भी बनता है और इसे विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीव के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
  • अमेरिका के राष्ट्रीय मेडिसिन पुस्तकालय द्वारा (कृपया उपर्युक्त लिंक को देखे) के अनुसार अत्यधिक प्रकाश व्यवस्था मनुष्य में नींद से जुड़ी तमाम समस्याएं को पैदा कर सकती हैं|

हम क्या कर सकते है?

ऊपर प्रस्तुत जानकारी से कृपया आप कतई यह मतलब नहीं निकाले की प्रकाश या कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था कोई बुरी चीज़ होती हैं| वास्तव में, कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था का मानव जीवन उत्थान में अहम भूमिका रही हैं, कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था ने दिन-रात्रि के दौरान मानव जाति की उत्पादकता बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं| यह रात के दौरान महत्वपूर्ण सुरक्षा भी प्रदान करता है, जो की निसंदेह इसका एक अन्य अति-महत्वपूर्ण उपयोग हैं| तो कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक बन गया है, इस तथ्य को हम कतई नकार नहीं सकते हैं| हालांकि, निश्चित रूप से हम अत्यधिक प्रकाश से बचने के लिए कुछ चीजें जरूर कर सकते हैं:

1. हमे अत्यधिक प्रकाश से बचना चाहिए और सही तरीके से प्रकाश का कार्य-आधारित रूप में ही उपयोग करना चाहिए।

2. प्रकाश व्यवस्था को कायदे से बनाये रखने के लिए, हमे ‘शील्डेड फिक्सचर्स’ अर्थार्त परिरक्षित वस्तु का उपयोग करना चाहिए, जो प्रकाश को उपयोग के आधार  एक विशिष्ट क्षेत्र के लिए ठीक प्रकार से केंद्रित कर सकते हैं| यह विशेष रूप से ‘आउटडोर’ प्रकाश व्यवस्था को बनाये रखने के लिए फायदेमंद होते हैं, जैसे जहाँ पर हमे सड़क पर किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए अधिक प्रकाश की जरूरत पड़ती हैं|

3.  जरुरत के अनुसार, हमे ‘एंगल  प्रकाश या कोणीय प्रकाश का प्रयोग करना चाहिए|

4. घरों पर:

a. विस्तृत कार्य जैसे अध्ययन संबंधित कार्य के समय हमे ‘टेबल लैंप’ का उपयोग करना चाहिए।

b. ‘स्पॉटलाइट्स’ का उपयोग दीवार पर कोई विशिष्ट जगह जैसे की पर्दे या चित्रकला को उजागर करने के लिए होता हैं, लेकिन हमे यहाँ बाजार में  उपलब्ध स्पॉटलाइट्स के कई अक्षम विकल्पों से सावधान रहने की आवश्कयता होगी|.

c.  ‘डिम्मरस’ उचित प्रकाश व्यवस्था या कार्य के आधार प्रकाश व्यवस्था को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं| यह बिजली बचाने के लिए भी काफी मददगार साबित होते हैं।

d. सीढ़ियों या बाथरूम जैसे प्रकाश क्षेत्रों के लिए सीएफएल जैसे छोटे रोशनी उपकरण का ही हमे इस्तेमाल करना चाहिए।

सन्दर्भ

About the Author:
Abhishek Jain is an Alumnus of IIT Bombay with almost 10 years of experience in corporate before starting Bijli Bachao in 2012. His passion for solving problems moved him towards Energy Sector and he is keen to learn about customer behavior towards Energy and find ways to influence the same towards Sustainability. .

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